Har Ghar Tiranga: घर पर फहरा रहे हैं तिरंगा तो इन जरूरी बातों का रखें ध्यान, झंडा संहिता में हुआ बदलाव
Flag Code of India सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों पर तिरंगा फहराएं। लेकिन इस दौरान तिरंगे के सम्मान से जुड़े कुछ खास नियमों का पालन करना होगा। ये नियम संशोधित झंडा संहिता में हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। आजादी की 75वीं सालगिरह पर सरकार आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम मना रही है। इसके तहत 'हर घर तिरंगा' (Har Ghar Tiranga) अभियान का ऐलान किया है। हर घर तिरंगा अभियान स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा है। यह पहल पूरे भारत में लोगों को भारत के नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस अभियान को 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। मोदी जी ने देश की जनता से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने का आह्वान किया। देश के लोगों से 2 अगस्त से 15 अगस्त तक सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदलने का भी सुझाव दिया।
इसमें सभी से अपील की गई है कि वे 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों पर तिरंगा लगाएं। चूंकि राष्ट्रध्वज के सम्मान और इसकी मर्यादा बनाए रखने के लिए कुछ विशेष नियम (Flag Code of India) हैं जिनका पालन आम जनता के लिए कुछ मुश्किल हो सकता है। इसलिए केंद्र सरकार ने झंडे के रखाव को लेकर बनी झंडा संहिता में बदलाव किया है। आइए जानते हैं कि अब घरों पर झंडा फहराने के क्या नियम हैं:
दिन-रात फहराया जा सकता है तिरंगा
अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।' इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
अब ऐसे झंडा भी फहरा सकते हो
इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा। इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन फहरा सकता है तिरंगा
2002 से पहले आम लोगों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की छूट थी। 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया, जिसके बाद अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडा फहरा सकता है। आपको बता दें कि तिरंगा फहराने के भी कुछ नियम हैं।
झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता।
झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता
झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। किसी भी तरह फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
झंडे का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकते
झंडे का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाएगा। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसका वस्त्र बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा।