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Har Ghar Tiranga: भारत के 'हर घर तिरंगा' अभियान के दौरान देश के सीमाओं पर ITBP के जवानों ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

हर घर तिरंगा अभियान के तहत देश भर में तिरंगा फहराया जा रहा है। इस अभियान में अब आईटीबीपी के जवान भी शामिल हो रहे हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने देश की सीमाओं केंद्रों और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

By Babli KumariEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 10:27 AM (IST)
Har Ghar Tiranga: भारत के 'हर घर तिरंगा' अभियान के दौरान देश के सीमाओं पर ITBP के जवानों ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज
आईटीबीपी के जवान राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए (फोटो: एएनआई)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने आज से स्वतंत्रता दिवस तक मनाए जा रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान के बीच शनिवार को देश की सीमाओं, केंद्रों और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। आज से स्वतंत्रता दिवस तक मनाया जाएगा  'हर घर तिरंगा' अभियान।

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फ़ोर्स 3,488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा पर उच्च ऊंचाई पर स्थित अपनी सीमा चौकियों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है और साथ ही सीमावर्ती आबादी के बीच अभियान को बढ़ावा दे रहा है। आईटीबीपी के जवानों को लद्दाख और उत्तराखंड सहित कई शीर्ष ऊंचाई वाली सीमाओं पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ देखा गया।

ITBP के जवानों और तीर्थयात्रीयों ने स्थानीय लोगों के साथ 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत बद्रीनाथ पर आयोजित तिरंगा यात्रा में भाग लिया।

लद्दाख में 18,400 फीट की ऊंचाई पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने तिरंगा फहराया।

फोर्स ने एक विशेष गीत भी जारी किया। ITBP के एक जवान अर्जुन खेरियाल ने एक विशेष 'जय हिंद' गीत की रचना की है और इसे देश के उन बहादुर सैनिकों को समर्पित किया है। यह गीत सभी सैनिकों को समर्पित है जो अपने देश के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए लोगों से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने या प्रदर्शित करने का आग्रह किया है।

एक नागरिक, एक निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है या प्रदर्शित कर सकता है। ध्वज प्रदर्शन के समय पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया है ताकि तिरंगे को खुले में और अलग-अलग घरों या इमारतों में दिन-रात प्रदर्शित किया जा सके।

भारतीय ध्वज संहिता को पहले पिछले साल दिसंबर में संशोधित किया गया था, जिसमें कपास, ऊन, रेशम और खादी के अलावा हाथ से काते, हाथ से बुने हुए और मशीन से बने झंडे बनाने के लिए पॉलिएस्टर के उपयोग की अनुमति दी गई थी।


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