नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री के तौर पर दिवंगत सुषमा स्वराज ने न जाने कितनों की ही मदद की। मूक-बधिर गीता, सरबजीत, हामिद अंसारी, जैनब बी के अलावा भी विदेशों में फंसे कई भारतीय जिन्हें उनकी बदौलत वापस स्वदेश नसीब हुआ, आज उन्हें याद कर रहे हैं। मुंबई के रहने वाले हामिद अंसारी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अपनी मां का दर्जा दिया तो सरबजीत की बहन को विश्वास ही नहीं हो रहा कि वे अब हमारे बीच नहीं।
आपको जन्नते मुकाम बनाए...जैनब बी
सऊदी में फंसी जैनब बी वापस हैदराबाद सुषमा स्वराज के बदौलत ही लौट सकी। उनके निधन की खबर सुन वह रो पड़ी। उसके आंसू रुक नहीं रहे। वह बार बार कह रही है कि उन्होंने बहुत मदद की। जैनब ने कहा, 'मैं हैदराबाद से सऊदी गई थी। सुषमा सर मैडम बहुत हेल्प करे...रात को सुन मैं परेशान हो गई, रात को नींद नहीं हुई। मैं उम्मीद नहीं रखी थी इंडिया आने को आज आप नहीं हैं मेरे साथ।'
#WATCH Hyderabad: Zainab Bi, who was rescued from Saudi Arabia when late #SushmaSwaraj was External Affairs Minister, breaks down while remembering her. pic.twitter.com/EEUep5kDuK
— ANI (@ANI) August 7, 2019
मेरी मां के समान थीं सुषमा स्वराज
हामिद ने कहा, ‘मेरे दिल में उनके लिए गहरा सम्मान है और वे हमेशा मेरे दिल में जीवित रहेंगी। वह मेरी मां के समान थी। पाकिस्तान से लौटने के बाद उन्होंने ही मेरा मार्गदर्शन किया। उनकी मौत मेरे लिए बड़ा नुकसान है।’ बता दें कि सुषमा स्वराज के बदौलत ही हामिद पाकिस्तान से सकुशल भारत लौट सके थे। तब जाकर कहीं उनके घर में ईद मनाई गई।
विश्वास नहीं होता...
विदेश मंत्री के तौर पर अपने पूरे कार्यकाल में सबकी मदद के लिए वे हमेशा तत्पर रहीं। उन्होंने कभी भी किसी को मदद से इंकार नहीं किया और न ही प्रयास से किसी तरह का उन्हें गुरेज था। ट्विटर हैंडल पर हमेशा सक्रिय रहने वाली सुषमा को देश की जनता दिल से याद कर रही है। सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने कहा, ‘विश्वास नहीं हुआ कि इतनी जल्दी वे हमें छोड़ चली गईं, अब तक विश्वास नहीं होता। पूरे देश के लिए यह बड़ी क्षति है। उन्होंने हमेशा लोगों की मदद की। चाहे वे हामिद अंसारी सरबजीत, गीता या जाधव हों उन्होंने सबकी मदद की। उनकी आत्मा को शांति मिले।’
मूक बधिर गीता ने भी दी श्रद्धांजलि
10-11 साल की छोटी उम्र में ही गीता भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के करीब पाकिस्तान रेंजर्स को मिली थी। मूक-बधिर गीता को दस साल से अधिक पाकिस्तान में रहना पड़ा। यह अब तक नहीं पता चला है कि वह सीमा पार कैसे पहुंची थी। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज के प्रयासों के कारण वह 26 अक्टूबर 2015 को भारत लौटी। बिल्कुल मां की तरह सुषमा स्वराज ने गीता के माता-पिता को खोजने के लिए एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की। गीता को हिंदुस्तान की बेटी बोलने वाली सुषमा स्वराज उसके लिए दूल्हा ढूंढने के लिए प्रयासरत रहीं। यही नहीं उन्होंने गीता को शिक्षा अर्जित करने के लिए मध्यप्रदेश में गूंगे-बहरे बच्चों के एक संस्थान में भेजा। वर्ष 2015 में पाकिस्तान से वापस लाई गई भारतीय लड़की गीता ने भी भोपाल में दिवंगत सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।
#WATCH Indore: Geeta, the Indian girl who was brought back from Pakistan in 2015 when late Sushma Swaraj was External Affairs Minister, pays tribute. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/OtksbYMpff
— ANI (@ANI) August 7, 2019
6 साल तक हामिद के घर नहीं मनी ईद
सोशल मीडिया के जरिए मित्र बनी एक महिला से मिलने के लिए 6 साल पहले हामिद अंसारी बगैर वीजा के पाकिस्तान गए थे जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तीन साल तक पाकिस्तान जेल में सजा काटने के बाद 19 दिसंबर 2018 को हामिद अंसारी पाकिस्तान से वापस भारत लौटे। वे अफगानिस्तान के जरिए पाकिस्तान गए जहां कोहाट में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 15 दिसंबर 2015 को हामिद को तीन साल की सजा सुनाई गई। जब उनके मित्रों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को यह जानकारी दी तब उन्होंने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को हामिद को हर संभव कानूनी मदद देने के आदेश दिए थे।
पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार की देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
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Posted By: Monika Minal
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