हदिया के पिता बोले- मैं अपने परिवार में कोई आतंकवादी नहीं चाहता...!
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित लव जिहाद की शिकार हिंदू युवती अखिला उर्फ हादिया (24) को होम्योपैथी डॉक्टर की अधूरी पढ़ाई पूरी करने तमिलनाडु के सेलम स्थित भेजने का आदेश दे दिया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केरल के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हदिया के पिता ने स्वागत किया है। कोर्ट ने हदिया को अपनी पढ़ाई पूरी करने और इस दौरान हॉस्टल में रहने का निर्देश दिया है।
हदिया के पिता केएम अशोकन से जब उनकी बेटी की इंटर कास्ट मैरिज के बारे में सवाल किए गए, तो उन्होंने कहा, 'हदिया को सीरिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जहां वह इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद जाना चाहती है। मैं अपने घर में कोई आतंकवादी नहीं चाहता हूं।' साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि हदिया अब अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित लव जिहाद की शिकार हिंदू युवती अखिला उर्फ हादिया (24) को होम्योपैथी डॉक्टर की अधूरी पढ़ाई पूरी करने तमिलनाडु के सेलम स्थित भेजने का आदेश दे दिया। वह कोर्ट से लगातार पति के साथ जाने और हॉस्टल में पति को लोकल गार्जियन (स्थानीय अभिभावक) बनाने की जिद करती रही, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा, 'पत्नी कोई जायदाद नहीं है, पति उसका अभिभावक नहीं बन सकता।'
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पिता अशोकन केएम को 27 नवंबर को उसे कोर्ट में लाने का निर्देश दिया था। सोमवार को वह कोर्ट पहुंची, तो करीब 25 मिनट तक उससे प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने उसके जीवन, महत्वाकांक्षा, पढ़ाई व शौक को लेकर सवाल किए थे।
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