हबीबगंज स्टेशन की तर्ज पर आनंद विहार व बिजवासन स्टेशनों का होगा कायाकल्प
जल्द ही आनंद विहार और बिजवासन रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इसी वर्ष इसपर काम शुरू हो जाएगा।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। हबीबगंज की तर्ज पर दिल्ली के आनंद विहार और बिजवासन रेलवे स्टेशनों का भी जल्द ही कायाकल्प होगा। इसकी शुरुआत भी इसी साल हो जाएगी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बृहस्पतिवार को इसका एलान किया। वह हबीबगंज स्टेशन के पुनर्विकास के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रभु ने कहा कि हबीबगंज स्टेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित होने वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन है।
इसके बाद दिल्ली के आनंद विहार व बिजवासन तथा गुजरात के सूरत व गांधीनगर स्टेशनों का नंबर है जिनके पुनर्विकास का कार्य भी इसी साल प्रारंभ होने की संभावना है। इसके बाद चंडीगढ़, एसएसएस नगर (मोहाली) तथा शिवाजी नगर (पुणे) स्टेशनों का नंबर आएगा। इन सभी के पुनर्विकास का जिम्मा भी इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) को दिया गया है। जल्द कुछ और स्टेशन उसके खाते में जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा फिलहाल स्टेशन विकास प्रोग्राम के तहत 400 स्टेशनों के विकास का प्रस्ताव है। इसके लिए छह मॉडल विकसित किए गए हैं।
कुछ स्टेशन आइआरएसडीसी के जरिए विकसित किए जाएंगे। जबकि बाकी का विकास लैंड डेवलपमेंट अथारिटी, राज्य सरकारों, पीएसयू, आर्मी तथा विश्र्व बैंक की मदद से विकसित किया जाएगा। स्टेशन विकास के लिए विश्र्व बैंक 50 करोड़ डालर का कर्ज देगा। हबीबगंज के पुनर्विकास का कार्य बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स प्रा. लि. तथा प्रकाश अस्फाल्टिंग एंड टोल हाईवे (इंडिया) लि. के कन्सोर्टियम को दिया गया है। कन्सोर्टियम ने इसके लिए बंसल पाथवेज हबीबगंज प्रा. लि. नाम से एक विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) बनाई है।
परियोजना पर कुल मिलाकर 450 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। जिसमें रेलवे सुविधाओं पर 100 करोड़ तथा कामर्शियल सुविधाओं पर 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्टेशन को विश्र्वस्तरीय बनाने के लिए देश-विदेश की कानूनी, वित्तीय तथा वास्तु फर्मो की सेवाएं ली गई हैं। इनमें अर्न्स एंड यंग, जीएमपी इंटरनेशनल, इंटरनेशनल कन्सल्टेंट्स एंड टेक्नोक्रेट्स तथा शार्दूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के नाम शामिल हैं। डेवलपर को तीन साल के भीतर परियोजना पूरा करने को कहा गया है।
हबीबगंज स्टेशन का विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर होगा। जिसके तहत स्टेशन तक पहुंचने के लिए अलग से सड़कों के अलावा खास पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा। ट्रेन पकड़ने व छोड़ने वाले यात्रियों के लिए अलग रास्ते होंगे। दिव्यांगों के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे। यह आग से पूरी तरह सुरक्षित होगा। आपात स्थिति में परिसर को चार मिनट के भीतर खाली कराना तथा छह मिनट के भीतर यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर पहंुचाना संभव होगा। स्टेशन परिसर में ही सौर ऊर्जा उत्पादन के इंतजाम किए जाएंगे। यहां खानपान व मनोरंजन की मॉल व मल्टीप्लेक्स वाली सारी सुविधाएं होंगी।
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