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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में मिले 'शिवलिंग' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका; हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

Gyanvapi Mosque Case सर्वोच्च न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के एक आदेश को चुनौती दी गई है। याच‍िका में क्‍या दी गई है दलील। जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 03:10 AM (IST)
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में मिले 'शिवलिंग' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका; हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक और याचिका दायर हुई है।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। ज्ञानवापी परिसर में पिछले दिनों मिले शिवलिंग की प्रकृति निर्धारण के लिए कमेटी या आयोग बनाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सात श्रद्धालुओं द्वारा प्रस्तुत इस याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को इस शिवलिंग का अध्ययन कर निष्कर्ष देने का आदेश देने की मांग की गई है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल की गई याचिका को 19 जुलाई को खारिज कर दिया था। उस याचिका में हाई कोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक ऐसी कमेटी या आयोग बनाने की मांग की गई थी जो शिवलिंग के बारे में उचित निष्कर्ष पर पहुंच सके। याचिका में कहा गया था कि कोई कमेटी या आयोग ही यह तय कर सकता है कि यह शिवलिंग है या फव्वारा, जैसा हिंदू और मुस्लिम पक्ष अलग-अलग दावा करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी अपील ठुकरा कर गलती की है। अपील में कहा गया कि इस शिवलिंग का पता चलने के बाद एएसआइ का यह क‌र्त्तव्य बनता था कि वह मौके पर जाकर उसके बारे में पूरी छानबीन करते। ऐसा न होने पर हमने हाई कोर्ट की शरण ली लेकिन हाई कोर्ट ने हमारा पक्ष सुने बिना राज्य सरकार द्वारा पेश सतही जानकारी पर आधारित दस्तावेजों को देखकर याचिका निरस्त कर दी।

उधर ज्ञानवापी मस्जिद की देखभाल करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा दायर की गई एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी परिसर का मुआयना करने और वीडियोग्राफी की इजाजत देने के आदेश को चुनौती दी गई है। ज्ञानवापी परिसर में पूजा के अधिकार को लेकर हिंदू व मुसलमान अपने-अपने दावे कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने 20 मई को एक आदेश के जरिये इस प्रकरण से जुड़े मामले की सुनवाई सिविल अदालत से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित कर दी थी।


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