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लैंड मैपिंग में हुई धांधली को लेकर गुजरात सीएम ने दिये जांच के आदेश

रुपाणी ने कहा कि जमीन मापणी में गड़बड़ी की फरियाद आ रही है जिसे सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसमें सुधार करने को कहा गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 14 Jul 2017 06:41 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2017 07:30 PM (IST)
लैंड मैपिंग में हुई धांधली को लेकर गुजरात सीएम ने दिये जांच के आदेश
लैंड मैपिंग में हुई धांधली को लेकर गुजरात सीएम ने दिये जांच के आदेश

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के सवा करोड़ किसानों की सैटेलाइट के जरिए की गई जमीन पैमाइश में अनियमितता उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने जिला कलेक्टरों को शिकायतें लेकर उनका तुरंत निपटारा करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस पिछले कुछ समय से इस मुददे को उठा रही थी लेकिन राजस्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा किसी तरह की गड़बड़ी से इन्कार करते रहे।

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मुख्यमंत्री रुपाणी ने सैटेलाइट के जरिए लैंड मैपिंग में ओवरलैपिंग की शिकायतों का जायज बताते हुए जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि किसान व लोगों की जमीन व संपत्ति संबंधी राजस्व रिकार्ड की शिकायतों को प्राथमिकता के साथ निपटाएं। रुपाणी ने कहा कि जमीन की पैमाइश में गड़बड़ी की फरियाद आ रही है जिसे सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसमें सुधार करने को कहा गया है।

इससे पहले राजस्व मंत्री चूडास्मा ने कहा था कि सरकार किसी की जमीन नहीं लेना चाहती, जमीन पैमाइश में कोई अनियमितता नहीं हुई है यह उत्तम प्रकार से की गई मापणी है जिसे देखने व समझने के लिए अन्य राज्यों के राजस्व अधिकारी भी गुजरात आ रहे हैं। उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया ने बताया कि जिस प्रकार शर्ट का एक बटन गलत बंद करने से सभी बटन अस्त व्यस्त हो जाते हैं वैसे ही जमीन माप में भी एक चूक समूची मैपिंग को बिगाड़ देती है। सैटेलाइट मैपिंग बंद कमरों में बैठकर कर दी गई। जमीन की माप के लिए हर गांव में कंट्रोल प्वाइंट बनाना होता है लेकिन इस माप में पूरे राज्य में एक भी कंट्रोल प्वाइंट नहीं बनाया गया।

इसके साथ ही 9 सीमा चिन्ह बनाकर जमीनों की मैपिंग होती है इसकी भी उपेक्षा कर दी गई। कांग्रेस ने सैटेलाइट जमीन माप की न्यायिक जांच कराने, दोषी एजेंसी व अधिकारियों पर कार्यवाही करने तथा जमीन की फिर से टोटल स्टेशन सर्वे पद्धति से माप की मांग की है। चूंकि इस माप पर 300 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं तथा अब फिर से माप कराने पर एक हजार करोड़ खर्च होंगे।

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