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गुजरात विधानसभा भंग, कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे रूपाणी

गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली ने 13वीं विधानसभा को भंग कर दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 21 Dec 2017 03:15 AM (IST)Updated: Thu, 21 Dec 2017 03:15 AM (IST)
गुजरात विधानसभा भंग, कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे रूपाणी
गुजरात विधानसभा भंग, कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे रूपाणी

अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली ने 13वीं विधानसभा को भंग कर दिया। विधानसभा भंग होने के साथ ही भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य विधानसभा सचिवालय की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली ने 13वीं गुजरात विधानसभा को भंग कर दिया है।' अधिकारियों के मुताबिक, निर्वतमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी नई सरकार का गठन होने तक कार्यवाहक के रूप में काम करते रहेंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2018 तक था।

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गुजरात की 14वींविधानसभा में एक दर्जन से अधिक महिलाएं भी पहुंची हैं। इनमें कांग्रेस की दस तथा भाजपा की 4 महिलाएं शामिल हैं। गत विधानसभा में अकेले भाजपा की महिला विधायकों की संख्या 14 थी। 

भाजपा की महिला विधायकों में कच्छ भुज से डॉ नीमाबेन आचार्य, भावनगर से विभावरी दवे, गोंडल से गीताबा जाडेजा, खेडब्राम्हा से रमीला व्यारा, कालोल से सुमनबेन चौहाण, आकोटा से सीमा मोहिले, चौर्यासी से झंखना बेन पटेल, लिंबायत से संगीता पाटिल वडोदरा शहर से मनीषा वकील शामिल हैं जबकि कांग्रेस की महिला विधायकों में रापर से संतोकअरेठिया, वाव से जेनीबेन ठाकोर, ऊंझा से डॉ आशाबेन पटेल तथा गरबाडा से चंद्रिका बारिया शामिल हैं।

तीन मुस्लिम विधायक 
गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा ने किसी मुस्लिम को मैदान में नहीं उतारा लेकिन कांग्रेस ने चार मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया जिनमें से तीन विजेता हुए हैं। जमालपुर खाडिया से इकबाल खेडावाला, दरियापुर से ग्यासुद्दीन शेख तथा वांकानेर से मौहम्मद पीरजादा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने सरकार को राज्य में स्थाई पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने आठ सप्ताह में यह नियुक्ति करने को कहा है, चुनाव के दौरान प्रमोद कुमार को कार्यकारी डीजीपी का कार्यभार सौंपा गया था। 
याचिकाकर्ता प्रथू परिमल ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि गुजरात सरकार लंबे समय से पुलिस महानिदेशक के पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं कर रही है जिससे पुलिस विभाग का काम प्रभावित हो रहा है। पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा ने भी पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक रिबेरो की ओर से ऐसी ही याचिका दाखिल कर फर्जी मुठभेड के आरोपी आईपीएस पी पी पांडे को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त करने पर आपत्ति जताते हुए डीजीपी के पद पर स्थाई नियुक्ति की मांग की गई थी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार को 8 सप्ताह में डीजीपी के पद पर स्थाई नियुक्ति के आदेश दिए हैं। 

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