कारोबारियों को मिलेगी राहत, एसएमएस भेजकर भर सकेंगे जीएसटी रिटर्न
अगर किसी महीने कारोबार निल है तो रिटर्न की जगह एसएमएस से हो जाएगा काम।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी रिटर्न की प्रक्रिया सरल बनाकर कारोबारियों को राहत देने की घोषणा करने के बाद सरकार एक ऐसा उपाय करने जा रही है जिससे छोटे व्यापारियों को बड़ी सुविधा होगी। अगर किसी महीने किसी व्यापारी का कारोबार निल है तो उसे रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे व्यापारी मात्र एसएमएस भेजकर ही रिटर्न की औपचारिकता पूरी कर सकेंगे।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 21 जुलाई को हुई 28वीं बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। प्रस्तावित व्यवस्था के तहत अगर किसी व्यापारी की किसी महीने खरीद और बिक्री शून्य है तो उसे एसएमएस के जरिए रिटर्न फाइल करने की सुविधा होगी। उस व्यापारी को अलग से कोई रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी।
गौरतलब है कि जीएसटी के तहत हर माह पंजीकृत व्यापारियों को कम से कम तीन रिटर्न फॉर्म भरने का प्रावधान था जिसके चलते कारोबारी काफी चिंतित थे। इसके अलावा जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया भी काफी जटिल थी। यही वजह है कि सरकार ने इसे सरल बनाने को कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल यह निर्णय भी किया है कि जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न की जगह तिमाही रिटर्न भरना होगा। इससे जीएसटी में पंजीकृत 93 प्रतिशत कारोबारियों को लाभ मिलेगा।
हालांकि यह सुविधा लेने वाले व्यापारियों को जीएसटी की राशि हर माह जमा करना होगी। व्यापारियों के लिए सुगम और सहज नाम से दो रिटर्न फार्म उपलब्ध होंगे। इसके अलावा काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये का निर्णय किया। साथ ही कंपोजीशन स्कीम के डीलरों को उनके टर्नओवर का 10 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये तक सेवाओं की आपूर्ति की छूट भी देने का निर्णय किया गया।
इससे पहले काउंसिल ने चार मई को हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में रिटर्न की प्रक्रिया सरल बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। सरकार का कहना है कि रिटर्न की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जीएसटी कानूनों में भी बदलाव किया जाएगा। इसके लिए सरकार संसद के मानसून सत्र में ही विधेयक पेश कर सकती है।