मंत्रिपरिषद को समझाया गया जीएसटी, पीएम मोदी भी रहे मौजूद
प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को नागपुर में आयोजित एक समारोह में आधार आधारित डिजीटल भुगतान प्रणाली की घोषणा कर सकते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के समापन के तत्काल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई। बैठक में सहयोगी मंत्रियों को बजट सत्र के दौरान संसद से पारित हुए वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। परिषद की बैठक में दूसरा सबसे बड़ा अहम मसला डिजिटल इंडिया का था, जिसके बारे में मंत्रिपरिषद के सदस्यों को जागरुक किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को नागपुर में आयोजित एक समारोह में आधार आधारित डिजीटल भुगतान प्रणाली की घोषणा कर सकते हैं। भीम ऐप को भी भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर है। ऐप को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने को लेकर सरकार पूरी ताकत से जुटी हुई है। इन सारी बातों के लिए मंत्रियों का जागरुक होना जरूरी माना गया, जिसके लिए मंत्रि परिषद की बैठक बुलाई गई।
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मंत्रियों को उनकी जिज्ञासा के आधार पर सवालों के जवाब भी दिये गये। कई ऐसे मौके आये, जब जीएसटी के बारे में सजीव उदाहरण पेश किये गये। समझाने के दौरान कई मर्तबा मंत्रियों ने जीएसटी के प्रावधानों को सराहते हुए मेजें भी थपथपाई। बताया गया कि सभी मंत्रियों को इन चर्चित दोनों अहम मसलों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि क्षेत्र में लोगों के पूछने पर उनकी जिज्ञासा शांत की जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी पूरे समय अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ बैठे रहे। जीएसटी के बारे में वित्त मंत्रालय के आला अफसरों ने विस्तार से जानकारी दी।
जीएसटी के बारे में कहा गया कि जब किसी वस्तु से भरा ट्रक चेन्नई से दिल्ली आता है तो फिलहाल उसे हर राज्य के साथ सभी स्थानीय निकायों की सीमाओं पर जांचा जाता है। इस पूरी मशक्कत में चार दिन में दिल्ली पहुंचने वाला ट्रक छह दिन में पहुंचता है। लेकिन जीएसटी के लागू होने के बाद इस तरह के ट्रक की जांच केवल प्रस्थान और गंतव्य स्थल पर ही हो सकेगी। लिहाजा जहां समय कम लगेगा, वहीं भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी।
डिजिटल इंडिया के बारे में भी इसी तरह के कई सवाल मंत्रियों की ओर से पूछे गये, लेकिन उसकी सहजता और उपयोगिता के बारे में बताया गया तो उसकी सराहना भी हुई। आफिस के कागज रहित और कार्यो के डिजिटल हो जाने पर जहां पारदर्शिता बढ़ जायेगी वहीं अनियमितताओं को पकड़ने में बहुत सहूलियत होगी।
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