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जीएसटी चोरी पर होगी गिरफ्तारी, जब्त होगी चल-अचल संपत्ति

सीजीएसटी विधेयक में खास प्रावधान यह है कि जीएसटी लागू होने पर अगर किसी कारोबारी ने जीएसटी चोरी की तो न सिर्फ उसकी गिरफ्तारी होगी बल्कि जीएसटी की बकाया राशि वसूलने को सरकार उसकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर सकेगी

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 08:10 PM (IST)
जीएसटी चोरी पर होगी गिरफ्तारी, जब्त होगी चल-अचल संपत्ति
जीएसटी चोरी पर होगी गिरफ्तारी, जब्त होगी चल-अचल संपत्ति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी चार विधेयक- सीजीएसटी, आइजीएसटी, यूटीजीएसटी और क्षतिपूर्ति विधेयक लोक सभा में पेश किए। ये विधेयक संसद से पारित होने पर जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। सीजीएसटी विधेयक में खास प्रावधान यह है कि जीएसटी लागू होने पर अगर किसी कारोबारी ने जीएसटी चोरी की तो न सिर्फ उसकी गिरफ्तारी होगी बल्कि जीएसटी की बकाया राशि वसूलने को सरकार उसकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर सकेगी।

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इसके अलावा तेजी से फैल रही ई-कॉमर्स कंपनियां भी जीएसटी के दायरे में आएंगी। साथ ही सीजीएसटी विधेयक में एक एंटी प्रॉफिटियरिंग का प्रावधान किया है जिसके तहत कारोबारियों को टैक्स में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को पहुंचाना होगा।

वित्त मंत्री ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017, एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी) विधेयक 2017, वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017 और संघ राज्य क्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 लोक सभा में पेश किए जिनके मसौदे पर केंद्रीय कैबिनेट ने 20 मार्च को मुहर लगायी थी। जीएसटी काउंसिल पहले ही इन विधेयकों के प्रावधानों को अंतिम रूप दे चुकी है। ये चारों विधेयक लोक सभा से पारित होकर राज्य सभा में जाएंगे जहां से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर कानून में तब्दील हो जाएंगे। वहीं जीएसटी के लिए जरूरी पांचवे विधेयक एसजीएसटी को राज्यों की विधान सभाएं मंजूरी देंगी। सरकार ने जीएसटी एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य रखा है।

जीएसटी के लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा वैट सहित केंद्र और राज्यों के कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। जीएसटी की चार स्लैब, पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत होगी। हालांकि जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत होगी। इसके अतिरिक्त तंबाकू उत्पादों और लग्जरी वस्तुओं पर सेस अलग से लगेगा।

सीजीएसटी विधेयक में 21 अध्याय, 174 धाराएं और तीन अनुसूची हैं। जीएसटी लागू होने पर यूपी और बिहार जैसे सामान्य श्रेणी के राज्यों में 20 लाख रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को ही जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा। वहीं उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे विशेष श्रेणी वाले राज्यों में 10 लाख रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण लेने की जरूरत होगी। सीजीएसटी में कई कड़े प्रावधान भी किए गए हैं। मसलन, सीजीएसटी की धारा 69 के तहत जीएसटी की चोरी करने वाले कारोबारी की गिरफ्तारी हो सकती है जबकि धारा 79 के तहत सरकार बकाया कर न चुकाने वाले कारोबारी का सामान और चल-अचल संपत्ति को बेचकर टैक्स की राशि वसूल सकती है।

जीएसटी की चोरी करने पर दोषी व्यक्ति को पांच साल तक का कारावास भी हो सकता है। धारा 171 में मुनाफाखोरी निषेद्य करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई कारोबारी वस्तु और सेवा पर कर टैक्स में कटौती का लाभ उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो यह देखेगा कि टैक्स की दर में कमी के अनुरूप कीमतें कम हुई या नहीं। साथ ही ई-कॉमर्स कपंनियां भी जीएसटी के दायरे में आएंगी।

छोटे कारोबारियों के हित में कदम उठाते हुए सरकार ने सीजीएसटी विधेयक की धारा 10 में कंपोजीशन स्कीम का प्रावधान किया है जिसके तहत सालाना 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाली मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को मात्र एक प्रतिशत जीएसटी देना चाहिए जबकि 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले रेस्टोरेंट के संबंध में यह दर 2.5 प्रतिशत होगी।

जेटली ने जब लोक सभा में यह विधेयक पेश किया तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने संसदीय नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह विधेयक पेश करने से पहले सदस्यों को नहीं दिया। इस पर संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा कि विधेयक की प्रति सांसदांे के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया था। इसके बाद स्पीकर ने वित्त मंत्री को विधेयक पेश करने को कहा।


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