पीएम मोदी के जलशक्ति अभियान को स्नो हार्वेस्टिंग से गति देगी हिमाचल सरकार, जानिए कैसे?
पीएम नरेंद्र मोदी देश के जलसंकट को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इसमें आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी के तहत हिमाचल सरकार ने काम शुरु किया है।
नई दिल्ली [रमेश सिंगटा] शिमला देश को प्राणवायु देने वाले हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं में अब बर्फ के संचयन की योजना है। हिमाचल इस दिशा में पहल कर रैन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संरक्षण) की तर्ज पर स्नो हार्वेस्टिंग (बर्फ का संरक्षण) की अवधारणा को धरातल पर उतारेगा। पहाड़ी चोटियों पर अधिकाधिक बर्फ का संचय हो सके और संचित बर्फ एकसाथ खिसककर (हिमस्खलन) व्यर्थ न जाए, इसके तकनीकी प्रयास होंगे। हिमस्खलन की बजाय बर्फ के रूप में संचित पानी को धीरे-धीरे धरती में पहुंचाया जाएगा। इससे भूजल स्तर में आ रही गिरावट को रोका जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जलशक्ति अभियान को जनशक्ति अभियान बनाएगी। इस मुहिम में कई नूतन प्रयोग होंगे। स्नो हार्वेस्टिंग इसमें अहम है। इसे सिंचाई और जनस्वास्थ्य विभाग लागू करेगा। इसके लिए कसरत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को राज्य नई सोच के साथ क्रियान्वित करेगा। जम्मू कश्मीर, सियाचिन, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम, असम, अरुणाचल तक हिमालय का विस्तार है। हिमाचल का प्रयोग अगर सफल रहा तो फिर अन्य हिमालयी राज्य भी इस अवधारणा को अपना सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में रावी, ब्यास, सतलुज और चिनाब नदियों के बेसिन पर वर्ष 2018-19 के दौरान 2017-18 की तुलना में स्नो कवर एरिया (हिमाच्छादित क्षेत्र) 97 हजार 672 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 1 लाख 22 हजार 246 वर्ग किलोमीटर हो गया है। 26.16 फीसद बढ़ोतरी के साथ यह पिछले आठ साल का सर्वाधिक स्नो कवर एरिया है।
स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद और स्टेट कॉउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से एचपी स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंजिज के ताजा सर्वेक्षण में यह बात पता चली है। उपग्रहों (सेटेलाइट) से ली गई तस्वीरों के आधार पर संस्थान की ओर से यह अध्ययन किया गया है। यह सर्वेक्षण हिमाचल की चार प्रमुख नदियों चिनाब, ब्यास, सतलुज और रावी के बेसिन के अलावा भागा, चंद्रा, मियाड़, जीवा, स्पीति, पिन, पार्वती और बासपा नदी बेसिन में किया गया है। इस बार हर बेसिन पर स्नो कवर एरिया में इजाफा हुआ है।
- हिमाचल में चार प्रमुख नदियों के बेसिन पर किए गए सर्वेक्षण में स्नो कवर एरिया में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे ग्लेशियरों का आकार बढ़ेगा। रिवर डिस्चार्ज बेहतर होगा। इससे भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी।
डॉ. सुरजीत रंधावा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी
- पंद्रह हजार से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतों में स्नो हार्वेस्टिंग होगी। पहाड़ों के ऊपरी स्थानों पर ही बर्फ का संचय होगा। ऐसा तंत्र विकसित किया जा रहा है ताकि पहाड़ों पर संचित बर्फ खिसक न सके। इसे प्रधानमंत्री के जलशक्ति अभियान के तहत ही क्रियान्वित किया जाएगा। फिलहाल यह शुरुआती योजना है, इसके लिए पूरा खाका खींचा जा रहा है।
महेंद्र सिंह ठाकुर, मंत्री, हिमाचल प्रदेश