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महात्मा गांधी के निजी सचिव के पौत्र को ट्रस्टियों ने साबरमती आश्रम से निकाला, CAA के विरोध में दे रहे थे धरना

इससे पहले मंगलवार को नचिकेता देसाई ने सोशल मीडिया पर बताया था कि उनकी मुंहबोली बहन सदफ जफर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थीं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 10:51 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 10:59 PM (IST)
महात्मा गांधी के निजी सचिव के पौत्र को ट्रस्टियों ने साबरमती आश्रम से निकाला, CAA के विरोध में दे रहे थे धरना
महात्मा गांधी के निजी सचिव के पौत्र को ट्रस्टियों ने साबरमती आश्रम से निकाला, CAA के विरोध में दे रहे थे धरना

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मुंहबोली बहन सदफ जफर पर कथित पुलिसिया ज्यादती के खिलाफ बुधवार को गांधी आश्रम में उपवास पर बैठे नचिकेता देसाई को ट्रस्टियों ने बाहर निकाल दिया। वह महात्मा गांधी के निजी सचिव महादेव देसाई के पौत्र हैं।

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नचिकेता देसाई बुधवार सुबह गांधी आश्रम पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास चादर बिछाकर उपवास पर बैठ गए। कुछ ही देर बाद आश्रम के ट्रस्टी व सामाजिक कार्यकर्ता कार्तिकेय साराभाई, ट्रस्टी अमृत मोदी व संचालक अतुल पंड्या वहां पहुंचे और देसाई को बाहर जाने के लिए कहा। जब देसाई नहीं माने तो उनका हाथ पकड़कर आश्रम से बाहर कर दिया गया।

मंगलवार को मुंहबोली बहन भी कानून के खिलाफ प्रदर्शन में थी शामिल

इससे पहले मंगलवार को देसाई ने सोशल मीडिया पर बताया था कि उनकी मुंहबोली बहन सदफ जफर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थीं। देसाई ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बंदूक की बट से जफर की पीठ पर मारा, जिससे वह बेहोश हो गईं। उनके कंधे से खून भी निकल रहा था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके खिलाफ देसाई ने मंगलवार को गांधी आश्रम संचालकों से महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास उपवास पर बैठने की मंजूरी मांगी थी। हालांकि, आश्रम संचालकों ने किसी प्रकार के प्रदर्शन व उपवास की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को ही नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आश्रम परिसर के बाहर एक रैली की थी। इस दौरान आश्रम की दीवारों पर 'आश्रम व आश्रमवासियों के आवास बचाओ' लिखे बैनर टांग दिए गए थे। लोगों का आरोप है कि आश्रम की 12 बड़ी संपत्तियों को भाजपा नेता कब्जा चुके हैं। इसके अलावा करीब 112 प्लॉटों पर भी सरकार के करीबी व प्रभावशाली लोग कब्जा करना चाहते हैं। यह मामला गुजरात हाईकोर्ट में लंबित है।


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