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फ्लेक्सी फेयर से यात्रियों को फिलहाल राहत नहीं, रेलवे का मुनाफा बढ़ा

समिति ने रिपोर्ट में मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए एयरलाइनों पर लागू होने वाले फ्लेक्सी फेयर लागू करने का सुझाव दिया गया।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 02:25 PM (IST)
फ्लेक्सी फेयर से यात्रियों को फिलहाल राहत नहीं, रेलवे का मुनाफा बढ़ा
फ्लेक्सी फेयर से यात्रियों को फिलहाल राहत नहीं, रेलवे का मुनाफा बढ़ा

नई दिल्ली, (पीटीआइ)। ट्रेनों में फिलहाल फ्लेक्सी फेयर की मार से राहत मिलती नजर नहीं आ रही। हालांकि राहत देने के इरादे से ही रेलवे ने लगभग दो महीने पहले उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने तय अवधि में अपनी रिपोर्ट भी दे दी, लेकिन रेलवे ने इस रिपोर्ट पर फिलहाल फैसला टाल दिया है।

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इस रिपोर्ट पर फैसला लेने के इरादे से रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कमिटी के सदस्यों को भी बुलाया गया था लेकिन उस बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब तय किया गया है कि इस मसले पर और विचार-विमर्श के बाद फिर से बैठक बुलाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि फ्लेक्सी फेयर के तहत इन ट्रेनों में एक तय संख्या में सीटों की बुकिंग होने के बाद यात्री किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है। इस तरह से यह अंतिम 10 फीसदी सीटों की बुकिंग कराने वाले यात्रियों को लगभग 50 फीसदी अतिरिक्त किराया देना होता है। इसी अतिरिक्त किराये की बदौलत रेलवे को लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती है।

बीते साल रेलवे की ओर से यह बात सामने आई थी कि यात्रियों की मांग पर रेलवे इस मामले में पुनर्विचार कर सकता है। इसी इरादे से इस साल जनवरी में रेलवे की ओर से एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में रेलवे के अलावा होटल इंडस्ट्री और एयरलाइंस इंडस्ट्री से जुड़े आला अधिकारियों को भी रखा गया था ताकि कमेटी सिर्फ सरकारी सोच के आधार पर ही फैसले न ले, बल्कि ओपन मार्केट की हकीकत को समझकर निर्णय लिया जाए।

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने समिति को फ्लेक्सी फेयर योजना की समीक्षा करने और एक नई रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। पिछले साल दिसंबर में गठित समिति को रेलवे राजस्व और यात्रियों पर इसके मौजूदा रूप में फ्लेक्सि-फेयर स्कीम के प्रभाव का आकलन करने का जनादेश था। इसमें बढ़े हुए किराए से रेलवे मुनाफे और यात्रियों पर क्या असर पड़ा इसकी जांच की गई। समिति ने 15 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पेश की जिसमें मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए एयरलाइनों पर लागू होने वाले फ्लेक्सी फेयर लागू करने का सुझाव दिया गया।

यह सुझाया गया कि टिकट की कीमतें विभिन्न कारकों पर भिन्न हो सकती हैं। जैसे एक ट्रेन के लिए उच्च मूल्य जो बाकि ट्रेनों के मुकाबले कम समय में यात्रियों के मंजिल तक पहुंचाती है, नीचे वाली बर्थ के लिए अतिरिक्त शुल्क और त्योहार के दौरान यात्रा। कमेटी में यह भी सिफारिश की गई कि यात्रियों को प्रीमियम ट्रेनों को चुनने और प्रस्थान तिथियों के करीब बुकिंग के लिए अधिक भुगतान करने का नियम बनाया जाए।

सूत्रों के अनुसार 13 मार्च को फ्लेक्सी-फेयर पर करीब 20 मिनट की बैठक में मंत्री ने प्रस्तावों पर अपनी असहमति व्यक्त की और समिति से पुनर्विचार करने के लिए कहा गया है। आंकड़े बताते हैं कि फ्लेक्सी फेयर योजना से वर्तमान में पहले से ही उच्च राजस्व में वृद्धि हुई है और यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।


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