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नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों के लिए 8500 करोड़ मंजूर

देश के नक्सलग्रस्त क्षेत्रो मे ग्रामीण सड़को के लिए केद्र ने गुरुवार को 8500 करोड़ रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे नक्सल प्रभावित जिलो के कुल छह हजार बसावटो को जोड़ने मे मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता मे केद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक मे ग्रामीण विकास मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

By Edited By: Published: Thu, 17 May 2012 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2012 10:06 PM (IST)
नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों के लिए 8500 करोड़ मंजूर

नई दिल्ली [जाब्यू]। देश के नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों के लिए केंद्र ने गुरुवार को 8500 करोड़ रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे नक्सल प्रभावित जिलों के कुल छह हजार बसावटों को जोड़ने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

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प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना [पीएमजीएसवाई] के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बसावटों को जोड़ने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें 250 की आबादी वाले गांवों को जोड़ने की छूट दे दी गई है, जो पहले 500 की आबादी वाली बसावटों पर लागू था। इसी तरह वहां काम करने वाले स्थानीय ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने के लिए टेंडर की रकम एक करोड़ रुपये से घटाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। नक्सलग्रस्त जिलों में सीमेंट की सड़क बनाने की भी रियायत दी गई है। पीएमजीएसवाई की सड़कों को बनाने के लिए 18 महीने की अवधि को बढ़ाकर 24 महीने कर दिया गया है। इन 78 जिलों में से 20 ऐसे हैं, जहां हालात नाजुक हैं। उनमें पीएमजीएसवाई के तहत सिर्फ 50 फीसदी काम हो पाया है। इनमें झारखंड के जिले लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, हजारीबाग, गढ़वा, चतरा, पश्चिम सिंहभूमि, पूर्वी सिंहभूमि प्रमुख है। जबकि बिहार के गया और रोहताश खास तौर पर शामिल हैं।

नक्सल प्रभावित में पीएमजीएवाई के तहत बनने वाले पुलों की लंबाई को बढ़ाकर 75 मीटर कर दिया गया है, जबकि सामान्य जगहों के लिए पुलों की लंबाई 50 मीटर ही है। पिछले 12 सालों में 3.5 लाख किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं। इससे कुल 84,400 बसावटों को जोड़ने में मदद मिली है, जो निर्धारित 1.59 लाख बसावटों को जोड़ने के लक्ष्य से पीछे है। इस पर कुल 1.30 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष 2012-13 में पीएमजीएसवाई के लिए कुल 24 हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।

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