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प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन, बिबेक देबराय करेंगे अध्यक्षता

27 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन में कैबिनेट सेक्रेटेरियट ने बताया प्रधानमंत्री ने आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) को दो साल तक के लिए मंजूरी दे दी है। बिबेक देबराय पहले से ही इस परिषद के अध्यक्ष हैं और आगे भी बने रहेंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 02:04 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 08:03 AM (IST)
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन, बिबेक देबराय करेंगे अध्यक्षता
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन, बिबेक देबराय करेंगे अध्यक्षता

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन किया। इस परिषद की अध्यक्षता बिबेक देब राय करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मंजूरी दे दी है। यह परिषद दो साल के लिए गठित की गई है। यह परिषद एक स्वतंत्र निकाय है जिसका गठन सरकार खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने के लिए किया गया है।

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परिषद के सदस्यों में ये हैं शामिल- 

पुनर्गठन के बाद वी अनंत नागेश्वरन ( V Anantha Nageswaran) को इससे हटा दिया गया है। वहीं आरबीआइ के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन (Rakesh Mohan), NCAER की डायरेक्टर जनरल पूनम गुप्ता (Poonam Gupta) और आइआइएम अहमदाबाद के प्रोफेसर टीटी राम मोहन (TT Ram Mohan) को इसमें शामिल किया गया है। परिषद के अन्य सदस्यों में साजिद चिनाय ( Sajid Chenoy), नीलकंठ मिश्रा (Neelkanth Mishra) और निलेश शाह (Nilesh Shah) शामिल हैं।

27 अक्टूबर को जारी हुआ था नोटिफिकेशन 

27 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन में कैबिनेट सचिवालय ने बताया, 'प्रधानमंत्री ने नए आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) को दो साल तक के लिए मंजूरी दे दी है।' बिबेक देबराय पहले से ही इस परिषद के अध्यक्ष हैं और आगे भी बने रहेंगे। उनके पद वेतन और भत्ते में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।  नोटिफिकेशन अनुसार, परिषद के लिए निर्धारित नियम एवं शर्तों में प्रधानमंत्री की तरफ से भेजे गए आर्थिक या किसी भी अन्य मुद्दे का विश्लेषण करना और उन्हें सलाह देना शामिल है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पूर्व RBI गर्वनर सी रंगराजन थे अध्यक्ष

उल्लेखनीय है कि EAC-PM एक स्वतंत्र निकाय की तरह काम करती है जिसका गठन सरकार विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए किया जाता है। इसका गठन वर्ष 2017 में दो साल के लिए किया गया था। इस परिषद ने तत्कालीन PMEAC की जगह ले ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इसकी  अध्यक्षता पूर्व RBI गर्वनर सी रंगराजन कर रहे थे।


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