कोरोना टीकाकरण की तैयारियों में जुटी सरकार, पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को खुराक देने की योजना
कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की उम्मीद बढ़ी है। भारत में देश-विदेश की कम से कम पांच वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं। माना जा रहा है कि साल के अंत या अगले साल के शुरू में कोई न कोई वैक्सीन आ जाएगी।
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की उम्मीद बढ़ी है। भारत में देश-विदेश की कम से कम पांच वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं। उम्मीद की जा रही है इस साल के आखिर या अगले साल के शुरू में कोई न कोई वैक्सीन आ जाएगी। इसको देखते हुए सरकार ने भी टीकाकरण की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार सीधे वैक्सीन खरीदेगी और प्राथमिकता वाले समूहों को उसे मुफ्त मुहैया कराएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर वैक्सीन खरीदने से मना कर दिया गया है। प्रारंभिक चरण में 30 करोड़ लोगों वैक्सीन दी जाएगी। केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से नवंबर के मध्य तक प्राथमिकता वाले समूहों की सूची तैयार करने के लिए कहा है। प्रत्येक व्यक्ति के आधार को टीकाकरण वाली सूची से लिंक किया जाएगा ताकि उनका पता लगाने में आसानी रहे।
सरकार ने पहले चरण में टीकाकरण के लिए प्राथमिक समूह के लोगों को चार श्रेणियों में रखा है। पहली श्रेणी में डॉक्टर, मेडिकल के छात्र, नर्स, और आशा कार्यकर्ता इत्यादि समेत एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे करीब दो करोड़ नगर निगम कर्मी, पुलिस और सशस्त्र बलों के जवान हैं। तीसरी श्रेणी में 50 साल और उससे अधिक उम्र के करीब 26 करोड़ लोग हैं।
चौथी और आखिरी श्रेणी में 50 साल के उम्र के करीब एक करोड़ ऐसे लोग शामिल हैं जो पहले से ही गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं और उनकी विशेष देखभाल की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अपने यहां पहले से कई तरह के टीके के लिए अभियान चलता रहता है। टीकाकरण के लिए आधारभूत सुविधाएं मौजूद हैं। कोरोना के लिए टीकाकरण में इसका लाभ मिलेगा।
कोरोना पर गठित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति पहले ही वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन की सूची तैयार में जुट गई है। निजी क्षेत्र के कोल्ड चेन की सूची भी बनाई जा रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका भी उपयोग किया जा सके। इस बीच भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने शुक्रवार को कुछ शर्तों के साथ भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है।
कंपनी ने कहा है कि वह देशभर में 25 केंद्रों पर 26 हजार वॉलंटियर्स पर तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करेगी। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति ने हैदराबाद स्थिति दवा कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के नतीजों का आकलन करने के बाद तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर भारत बायोटेक 'कोवैक्सीन' विकसित कर रही है।