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सरकार ने कोवोवैक्स की पांच करोड़ डोज निर्यात करने की अनुमति दी, भारत में अभी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं

सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित कोरोना रोधी टीका कोवोवैक्स की पांच करोड़ डोज के निर्यात को मंजूरी दे दी है। देश में अभी तक इस टीके को अभी तक देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी नहीं मिली है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 09:39 PM (IST)
सरकार ने कोवोवैक्स की पांच करोड़ डोज निर्यात करने की अनुमति दी, भारत में अभी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं
सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की 'कोवोवैक्स' की पांच करोड़ डोज के निर्यात को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित कोरोना रोधी टीका 'कोवोवैक्स' की पांच करोड़ डोज इंडोनेशिया को निर्यात की अनुमति दे दी है। इस टीके को अभी तक देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी नहीं मिली है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि एसआइआइ को कोवोवैक्स की पांच करोड़ डोज के बराबर 50 लाख शीशियों का निर्यात करने की अनुमति दी गई है।

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एसआइआइ ने 21 मई को कोवोवैक्स के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूए) देने के लिए भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को आवेदन दिया था और इसे अभी भी दवा नियामक से मंजूरी का इंतजार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हाल में एसआइआइ में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने डीसीजीआइ को पत्र लिखकर 50 लाख शीशियों के निर्यात के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिए जाने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा निर्मित टीके की एक करोड़ डोज की अवधि इस साल दिसंबर में समाप्त हो जाएगी। आवेदन में सिंह के हवाले से कहा गया है, 'मेसर्स पीटी इंडोफार्मा टीबीके, इंडोनेशिया इन डोज को खरीदना चाहती है और उन्होंने हमें पहले ही 50 लाख शीशियों का खरीद आदेश जारी कर दिया है। अगर हम इस मात्रा का निर्यात करने में सक्षम नहीं हैं, तो यह महामारी के दौरान बहुत जरूरी जीवन रक्षक कोरोना टीके का एक अंतरराष्ट्रीय अपव्यय होगा।'

उन्होंने कहा कि कोवोवैक्स टीके की लगभग एक करोड़ डोज की समाप्ति तिथि दिसंबर 2021 है। उन्होंने कहा कि यह निर्यात भारत को कोरोना टीके की आपूर्ति को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोविशील्ड का एक बड़ा भंडार उपलब्ध है। सूत्र ने कहा कि डीसीजीआइ ने मामले को मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा था और मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद डीसीजीआइ ने भारतीय ईयूए के बिना एसआइआइ को निर्यात एनओसी दे दी थी। 


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