डोभाल ने चीन पर नहीं दिया था कोई बयान, आध्यात्मिक संदर्भ में रखी थी बात, अधिकारियों ने किया स्पष्ट
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजीत डोभाल के एक तथाकथित बयान को लेकर अधिकारियों ने स्पष्टिकरण जारी किया है। अधिकारियों ने कहा है कि डोभाल ने शनिवार को ऋषिकेश में चीन या किसी विशिष्ट स्थिति का जिक्र नहीं कर रहे थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शनिवार को ऋषिकेश में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में चीन या किसी विशेष स्थिति का उल्लेख करते हुए कोई बयान नहीं दिया। उनका बयान शुद्धरूप से आध्यात्मिक संदर्भ में था। यह सफाई सरकारी अधिकारियों की ओर से रविवार को आई। अधिकारियों ने कहा कि एनएसए का आध्यात्मिक संदर्भों में दिया गया बयान गलत ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया। वह चीन या पूर्वी लद्दाख में चल रही तनातनी को लेकर नहीं बोल रहे थे।
सरकार की ओर से यह सफाई तब आई जब कुछ मीडिया खबरों में कहा गया कि वह चीन और लद्दाख की स्थिति को लेकर बोल रहे थे। गौरतलब है कि डोभाल ने 24 अक्टूबर को ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम में एक कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया था और भारत की आध्यात्मिक शक्ति के बारे में विचार रखे थे। उन्होंने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद का भी उल्लेख किया था। अधिकारियों ने कहा कि डोभाल ने चीन या पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के संदर्भ में बात नहीं की थी।
डोभाल ने कथित तौर पर कहा, 'आप (Swami Vivekanand) ने कहा था कि हमने कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया है और इसके बारे में कई विचार हैं। यदि देश के लिए खतरा है तो हमें हमला करना चाहिए क्योंकि देश को बचाना महत्वपूर्ण है। हम लड़ते हैं जहां हमें लगता है कि खतरा आ रहा है। हमने कभी भी अपने स्वार्थ के लिए ऐसा नहीं किया है। हम अपनी जमीन और दूसरों की जमीन पर भी युद्ध लड़ेंगे लेकिन अपने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि दूसरों की सर्वोच्च भलाई के लिए।'
स्पष्टिकरण में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शुद्ध रूप से एक सभ्यता और आध्यात्मिक संदर्भ में यह बयान दिया था। इसे चीन या पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। अधिकारियों की ओर से यह स्पष्टिकरण ऐसे समय आया है जब भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत होनी है। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच तारीखों पर बातचीत हो रही है। बता दें कि भारत और चीन के बीच 12 अक्टूबर को सातवें दौर की वार्ता हुई थी।