Move to Jagran APP

देश में एक समान न्यूनतम मजदूरी तय करेगी सरकार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। असंगठित क्षेत्र के कामगारों की न्यूनतम मजदूरी अब राज्य सरकारों के रहम-ओ-करम पर नहीं रहेगी। केंद्र सरकार उसका भी फार्मूला तय करेगी। सरकार की तैयारी कामगारों के लिए देशभर में समान न्यूनतम मजदूरी कानून बनाने की है। कानून अमल में आया तो राज्य सरकारें केंद्र की न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा का भुगतान तो कर सकें

By Edited By: Published: Wed, 06 Mar 2013 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2013 09:47 PM (IST)
देश में एक समान न्यूनतम मजदूरी तय करेगी सरकार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। असंगठित क्षेत्र के कामगारों की न्यूनतम मजदूरी अब राज्य सरकारों के रहम-ओ-करम पर नहीं रहेगी। केंद्र सरकार उसका भी फार्मूला तय करेगी। सरकार की तैयारी कामगारों के लिए देशभर में समान न्यूनतम मजदूरी कानून बनाने की है। कानून अमल में आया तो राज्य सरकारें केंद्र की न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा का भुगतान तो कर सकेंगी, लेकिन उससे कम नहीं कर सकेंगी। इतना ही नहीं, सरकार एक से दूसरे राज्य में जाकर काम करने वाले (प्रवासी) कामगारों की सुरक्षा पर भी गंभीर है। उसने उस पर भी नए सिरे से सोचने की बात कही है।

loksabha election banner

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में सदस्यों को बताया कि सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों की समान न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए एक विधेयक लाने जा रही है। अभी न्यूनतम मजदूरी तय करना राज्यों के क्षेत्राधिकार में है। इसलिए हर राज्य में अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी है। जदयू के शिवानंद तिवारी ने प्रवासी मजदूरों, खासतौर पर मुंबई में बिहार के कामगारों से बदसलूकी जैसे मामलों में सरकार की तरफ से कदम उठाने पर सवाल पूछा। माकपा की टीएन सीमा ने प्रवासी व अन्य मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए परिचय पत्र या राशन कार्ड की सुविधा पर सरकार से सवाल किया।

खड़गे ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में प्रवासी मजदूरों के साथ होने वाली ज्यादतियों के मामले में जरूरी कदम उठाने के लिए वह गृह मंत्री से विचार-विमर्श करेंगे। जो भी संभव होगा, कदम उठाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों की भूमिका पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य सरकार (चाहे जिस पार्टी की हो) असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए जितने काम करने चाहिए, नहीं करती। फिर भी असंगठित क्षेत्र के कामगारों के मामले में बेहतर तालमेल के लिए केंद्र सरकार के महानिदेशक (श्रम कल्याण) राज्यों के संपर्क में हैं। इस बीच, केंद्र द्वारा की गई कुछ पहल के नतीजे आए हैं। मनरेगा पर अमल बढ़ने से प्रवासी मजदूरों का पलायन रुका है। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों को फिलहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा का ही कार्ड दे रही है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.