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मुखौटा फर्मो के धन गबन करने वाले निदेशकों को होगी 10 साल की सजा

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने मंगलवार को ही दो लाख से अधिक कंपनियों के बैंक खाते सील करने का आदेश जारी किया था।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 06 Sep 2017 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2017 09:53 PM (IST)
मुखौटा फर्मो के धन गबन करने वाले निदेशकों को होगी 10 साल की सजा
मुखौटा फर्मो के धन गबन करने वाले निदेशकों को होगी 10 साल की सजा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कालेधन को सफेद कर रही दो लाख से अधिक कंपनियों के बैंक खाते सील करने के बाद सरकार ने इन कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। ऐसी कंपनियों के अगर किसी निदेशक या अधिकृत व्यक्ति ने इन कंपनियों के बैंक खाते से धन का गबन किया तो उनको 10 साल के कारावास की सजा होगी।

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कंपनी मामलों के राज्य मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में यह भी तय किया गया कि अगर इस तरह की शेल कंपनी के निदेशक ने तीन साल या इससे अधिक समय से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो उन्हें अन्य कंपनियों में निदेशक बनने से भी रोक दिया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के चलते दो से तीन लाख निदेशक प्रतिबंधित हो जाएंगे और वे किसी अन्य कंपनी में निदेशक नहीं बन पाएंगे।

सरकार की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि बंद की गयी शेल कंपनियों में से अगर किसी का निदेशक उन कंपनियों के बैंक खाते से धन का गबन करता है तो उसे छह माह से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकेगी। अगर इसमें जनहित का मामला पाया गया तो दोषी निदेशक को कम से कम तीन साल की सजा होगी तथा जितनी धनराशि का उसने गबन किया है उसके तीन गुना राशि जुर्माने के बतौर जमा करनी होगी।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने मंगलवार को ही दो लाख से अधिक कंपनियों के बैंक खाते सील करने का आदेश जारी किया था। सरकार का कहना है कि अगर इस आदेश से पहले भी किसी निदेशक ने शेल कंपनियों के बैंक खाते से धनराशि का गबन किया है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सरकार अन्य शेल कंपनियों की पहचान करने के लिए भी जांच कर रही है। साथ ही सरकार शेल कंपनियों की मदद करने वाले पेशेवरों जैसे- सीए और कंपनी सेक्रेटरीज के खिलाफ भी कदम उठाने जा रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ आइसीएआइ और आइसीएसआइ जैसी संस्थाएं कड़ी कार्रवाई करेंगी। इसके अलावा शेल कंपनियों के निदेशकों की पूरी प्रोफाइल भी तैयार की जा रही है।

चौधरी ने कहा कि सरकार के इस कदम से न सिर्फ कालेधन पर अंकुश लगेगा बल्कि इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भी बेहतर होगा। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।

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