हवाई अड्डों की क्षमता को पांच गुना बढ़ाने के लिए सरकार ने कसी कमर
एयरलाइन प्रतिनिधियों का कहना था कि सरकार ने योजना को लागू करने में देर कर दी है। ये कदम चार वर्ष पहले ही उठा लिए जाने चाहिए थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने देश में विमान यात्रियों और उड़ानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश में हवाई अड्डों की मौजूदा क्षमता में पांच गुना से अधिक की वृद्धि करने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए निजी निवेश, कनेक्टिविटी तथा नियामक उपायों पर चर्चा के लिए विमानन मंत्रालय ने एयरलाइनों तथा एयरपोर्ट आपरेटरों के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
-बढ़ते वायु यातायात से निपटने को सरकार ने शुरू की 'नभ निर्माण' की तैयारियां
-योजना के तहत हवाई अड्डों की क्षमता को पांच गुना से अधिक बढ़ाया जाएगा
-विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने की एयरलाइनों व एयरपोर्ट आपरेटरों से चर्चा
मंगलवार को हुई ऐसी ही एक बैठक में विभिन्न हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ मेट्रो, बस और टैक्सी सेवाओं के साथ उनकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। नभ (नेक्स्ट जनरेशन एयरपोर्ट्स फॉर भारत) निर्माण नाम से लांच होने वाली इस परियोजना के तहत सालाना एक अरब से अधिक उड़ानों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुना से अधिक वृद्धि का प्रस्ताव है। इसमें मौजूदा हवाई अड्डों के विस्तार के अलावा नए एयरपोर्ट्स का निर्माण शामिल है। भारतीय विमानन उद्योग की सालाना 30 फीसद की विस्तार दर को देखते हुए लिहाजा क्षमता विस्तार को जरूरी माना गया है।
बैठक में शामिल एयरलाइन प्रतिनिधियों का कहना था कि सरकार ने योजना को लागू करने में देर कर दी है। ये कदम चार वर्ष पहले ही उठा लिए जाने चाहिए थे। यदि ऐसा किया गया होता तो यातायात बढ़ने केकारण हवाई अड्डों की अभी जो हालत हो गई है वो नहीं होती। स्थिति यह है कि दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर क्षमता से ज्यादा यात्रियों का आवागमन हो रहा है और कई मर्तबा उड़ानों के साथ-साथ यात्रियों की भीड़ को संभालना कठिन हो जाता है।
विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि विमानन राज्यमंत्री ने नभ निर्माण को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। हम विमानन क्षेत्र की भविष्य की मांग को समय से पहले पूरा करने के लिए कृतसंकल्प हैं।
बैठक को हाल में एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मद्देनजर अहम माना जा रहा है। काउंसिल ने कहा है कि 2040 तक भारत चीन को पछाड़कर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा।
विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाया गया कि 'नभ निर्माण' को लागू करने तथा हवाई अड्डों के विस्तार के लिए एयरपोर्ट इकोनामिक रेगुलटरी अथारिटी एक्ट में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। बैठक में एयरपोर्ट अथारिटी के चेयरमैन गुरुप्रसाद मोहापात्र ने भी शिरकत की।