सरकार बनाएगी डाटा प्रोटेक्शन पर व्यापक नीति
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डाटा प्रोटेक्शन पर नीति निर्धारण के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएन कृष्णा समिति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साइबर सिक्योरिटी और डाटा की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए सरकार एक व्यापक और समग्र डाटा प्रोटेक्शन नीति तैयार कर रही है जिसे कानून के जरिए लागू किया जाएगा। सरकार ने शुक्रवार को इस नीति से संबंधित एक श्वेत पत्र सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी किया है। आम जनता समेत सभी संबंधित पक्षों से इस पर राय मांगी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डाटा प्रोटेक्शन पर नीति निर्धारण के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएन कृष्णा समिति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। इस समिति ने भविष्य में डाटा प्रोटेक्शन की जरूरतों के आधार पर एक श्वेत पत्र तैयार किया है। डाटा प्रोटेक्शन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार गंभीर है और वह ऐसी नीति और कानून चाहती है जो अपने आप में पूर्ण हो।
इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने तय किया है कि इस पर सभी संबंधित पक्षों के साथ रायशुमारी की जाए। सभी पक्षों से 31 जनवरी 2018 तक अपने सुझाव देने को कहा गया है। इसके बाद ही नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। श्वेत पत्र पर मायगॉव.इन पर जाकर सुझाव दिये जा सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य देश में डाटा प्रोटेक्शन का एक पूरा ढांचा तैयार करने की योजना है। दुनिया भर में साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं से देश में डाटा चोरी की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में डाटा प्रोटेक्शन का कोई व्यापक तंत्र न होने को लेकर काफी चिंता जतायी जा रही है। सरकार भी इस बात को लेकर गंभीर है। इसे देखते हुए ही सरकार ने इस काम को प्राथमिकता पर रखा है। राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन को भरोसा भी दिलाया कि सरकार जल्द ही डाटा प्रोटेक्शन के लिए एक समग्र कानून बनाने की तैयारी में है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इंटरनेट तक सभी की पहुंच को भी सुनिश्चित रखेगी।
प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साइबर युद्ध को रक्तहीन युद्ध की संज्ञा दे चुके हैं। इसलिए देश में डाटा की सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करना वक्त की जरूरत है। हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि इस दिशा में लगातार प्रयास हो रहा है।
पिछले दिनों ही सरकार ने एनआइसी के नेटवर्क पर हो रहे सरकारी कामकाज और सरकार के डाटा को साइबर हमलों से सुरक्षित बनाने के लिए अलग से एक कंप्यूटर इमर्जेसी रिस्पांस टीम का गठन किया है। यह टीम एनआइसी के नेटवर्क में अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों पर नजर रखती है और ऐसे संदिग्ध प्रयासों की न केवल तत्काल संबंधित विभाग को सूचना पहुंचाती है बल्कि घुसपैठ के ऐसे प्रयासों को नाकाम भी करती है। सरकार की योजना अलग अलग क्षेत्रों के लिए ऐसी टीमों का गठन करना है। बैंकिंग के लिए भी अलग से रिस्पांस टीम का गठन होगा।
कृष्णा समिति का मानना है कि देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 45 करोड़ को पार कर चुकी है और इसमें सालाना 7-8 फीसद की वृद्धि हो रही है। इतना ही नहीं समिति मानती है कि देश डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में विश्व का नेतृत्व यदि करना है तो डाटा सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने होंगे। समिति ने डाटा सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय उपायों का अपने श्वेत पत्र में विस्तृत वर्णन किया है। विभिन्न देशों में अपनाये जा रहे उपायों और नीति का उल्लेख भी श्वेत पत्र में दिया गया है।
यह भी पढ़ेंः बेटा नहीं जनने पर पति ने छोड़ा साथ, राजमिस्त्री बन दो बेटियों के पीले किए हाथ
यह भी पढ़ेंः Video: ओलंपियन सुशील कुमार और प्रवीण राणा के समर्थकों में चले लात-घूसे