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पेपर लीक की घटनाओं से बचने के लिए सरकार अब खोजेगी नए रास्ते

हाल ही में पेपरलीक के चलते 12वीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा को दोबारा कराने का फैसला लिया गया है। जो अब 25 अप्रैल को देश भर में होगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 08:11 PM (IST)
पेपर लीक की घटनाओं से बचने के लिए सरकार अब खोजेगी नए रास्ते
पेपर लीक की घटनाओं से बचने के लिए सरकार अब खोजेगी नए रास्ते

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीबीएससी पेपर लीक को लेकर घिरी सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा को अब चुस्त-दुरुस्त बनाने का फैसला लिया है। सात सदस्यों की एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो 31 मई तक परीक्षा व्यवस्था को सख्त बनाने और पेपरलीक जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी का अध्यक्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पूर्व (सेवानिवृत्त)सचिव विनय शील ओबेराय को बनाया गया है।

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कमेटी जिन तीन बिन्दुओं पर काम करेगी, उनमें परीक्षा प्रश्न पत्रों को बगैर छेड़छाड़ के छात्रों तक पहुंचाने, प्रश्नपत्र तैयार करने की मौजूदा व्यवस्था जिसमें प्रश्नपत्र का परिवहन और प्रिंटिंग भी शामिल है को फुलप्रूफ बनाने के अलावा पेपर को तकनीक के माध्यम से और सुरक्षित करने जैसे विषय शामिल है।

पेपरलीक की घटनाओं को रोकने के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी में जिन प्रमुख लोगों को शामिल किया है, उनमें सीबीएसई के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार, एनसीटीई और एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर जेएस राजपूत, इरकान के डायेक्टर प्रोफेसर वसुधा कामत, पूर्व शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश प्रोफेसर कृष्ण मोहन त्रिपाठी, एनआईसी के वरिष्ठ अधिकारी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा के संयुक्त सचिव शामिल है। हाल ही में पेपरलीक के चलते 12वीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा को दोबारा कराने का फैसला लिया गया है। जो अब 25 अप्रैल को देश भर में होगा।


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