कोरोना वायरस के संदिग्धों पर सरकार सख्त, कहा- अपने घर में ही क्वारंटाइन की जिद न करें
सरकार ने कोरोना वायरस से जूझ रहे देशों से आने वाले लोगों की जांच और क्वारंटाइन में रखने के सरकार के कदम का विरोध नहीं करने की अपील की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने परिवार के सदस्यों से कोरोना वायरस से जूझ रहे देशों से आने वाले लोगों की जांच और क्वारंटाइन में रखने के सरकार के कदम का विरोध नहीं करने का आग्रह किया है। लोग अपने परिवार के सदस्य को घर में ही रखने का आग्रह कर रहे हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि जानलेवा वायरस का प्रसार रोकने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों का विरोध करना उचित नहीं है।
लोगों का विरोध सही नहीं
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, 'कोरोना वायरस से पीडि़त देशों से लौटने वाले भारतीयों की जांच की जा रही है और उन्हें यहां क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। माता-पिता अपने बच्चों को घर जाने देने का आग्रह कर रहे हैं। वे कहते हैं कि हम घर पर ध्यान रखेंगे। यह सही नहीं है। हम देश में बीमारी का संक्रमण रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। मैं सभी माता-पिता से प्रयास का समर्थन करने की अपील करता हूं।'
20 से ज्यादा रोगियों को दी गई छुट्टी
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न हवाई अड्डों पर अभी तक 14.30 लाख यात्रियों की कोरोना वायरस की आशंका का पता लगाने के लिए जांच की गई है। देश में अभी जितने मामलों की पुष्टि हो चुकी है उसमें कई विदेशी नागरिक हैं। इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके 20 से ज्यादा रोगियों को छुट्टी दे दी गई है। कई और लोगों के शुक्रवार को छुट्टी मिल जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 69000 लोगों को घर में ही क्वारंटाइन में रखा गया है।
भारत के प्रयासों की तुलना चीन से नहीं की जा सकती
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत की तुलना चीन से नहीं की जा सकती। इसका कारण यह है कि चीन के पास सैन्य प्रणाली है जिसमें लोगों को सामाजिक दूरी बनाने के लिए बाध्य किया जा सकता है। हमारा देश दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। हमारे लिए संक्रमण रोकना जरूरी है। इससे बचाव का एक मात्र रास्ता है और वह -अत्यंत सावधानी और सामाजिक दूरी बनाए रखना है।