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सीमा पर घुसपैठ नहीं रोक पाने को सरकार ने माना बड़ी चूक

आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार ने सीमा पर घुसपैठ को न रोके जाने को बड़ी चूक माना है। गणतंत्र दिवस समेत पठानकोट हमले के मुद्दे पर हुई एक अहम बैठक में खुफिया एजेंसियों की तत्‍परता और कार्यकुशलता की सराहना भी की गई।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2016 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2016 09:37 AM (IST)
सीमा पर घुसपैठ नहीं रोक पाने को सरकार ने माना बड़ी चूक

नई दिल्ली। पठानकोट एयर बेस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा इंतजामों की व्यापक समीक्षा कर जहां इसमें शामिल रही एजेंसियों की तत्परता और कार्यकुशलता की तारीफ की है, वहीं सीमा पर घुसपैठ नहीं रोक पाने को बड़ी चूक माना है। उसने इससे सबक सीख कर विभिन्न मोर्चो पर सुधार की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसमें विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल को और बेहतर करने से लेकर राष्ट्रीय गतिरोध की स्थिति में बेहतर मीडिया प्रबंधन के लिए उपाय करने तक शामिल हैं। सामरिक ठिकानों के सुरक्षा इंतजामों की नए सिरे से समीक्षा के भी आदेश दिए गए हैं।

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राजनाथ, पर्रिकर, डोभाल रहे बैठक में शामिल

शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दोनों मंत्रलयों के शीर्ष अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पठानकोट हमले के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इसी महीने होने जा रहे गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर राजधानी दिल्ली और जम्मू-कश्मीर सहित देश भर में सुरक्षा के उपायों पर भी इस बैठक में चर्चा हुई। पठानकोट आपरेशन में शामिल रही सभी एजेंसियों के कामकाज के पूरे ब्योरे पेश होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित सभी ने तालमेल और तत्परता को लेकर एजेंसियों के काम की सराहना की।

आधुनिक तकनीक का सहारा लेने पर जोर

इस दौरान सबसे बड़ी चूक सीमा पर घुसपैठ को नहीं रोक पाने को माना गया। साथ ही सीमा पार से जारी ऐसी गतिविधियों को देखते हुए खास तौर पर सीमा की निगरानी में आधुनिकतम तकनीक का सहारा लेने पर जोर दिया गया। गृह मंत्री ने कहा कि एक तय समय के अंदर सीमावर्ती इलाकों में मौजूद सैन्य और अर्धसैनिक बलों के ठिकानों और थानों के साथ ही देश भर के सामरिक महत्व के ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा पूरी की जाए। इसमें पाई गई सभी कमियों को तुरंत दूर किया जाए।

नियमित संवाद और अभ्यास जरूरी

राजनाथ सिंह ने सुरक्षा एजेंसियों के और बेहतर तालमेल पर जोर देते हुए इसके लिए नियमित संवाद और अभ्यास जारी रखने को कहा। इसी तरह माना गया कि पठानकोट आपरेशन में जैसी मुस्तैदी दिखाई गई, उस अनुसार बात लोगों तक नहीं पहुंच सकी। इस दौरान मीडिया प्रबंधन बेहतर हो सकता था। तय किया गया कि ऐसे किसी मामले में अधिकृत व्यक्ति मौके पर ही मीडिया को सारी जानकारी दे, इसके लिए पूरी व्यवस्था की जानी चाहिए। भविष्य में अगर ऐसी कोई जरूरत आती है तो उसके लिए सभी स्तर पर तैयारी होनी चाहिए। साथ ही इसके लिए सभी एजेंसियों में अधिकारियों को जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाए। बैठक में गृह सचिव राजीव महर्षि, रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और दोनों मंत्रलयों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालसिस विंग (रॉ) के प्रमुख भी शामिल थे।

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