तीन करोड़ टन हो गई गेहूं की सरकारी खरीद
उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ हुई योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गेहूं की पूर्व निर्धारित लक्ष्य 30 लाख टन के विपरीत 80 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य पुन: निर्धारित किया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गेहूं की सरकारी खरीद तीन करोड़ टन पहुंच गई है, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हुई खरीद के मुकाबले 70 लाख टन अधिक है। लेकिन उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद योगी सरकार की घोषणा से बहुत पीछे हैं। गेहूं की खरीद को लेकर निजी प्रतिष्ठानों ने सतर्कता बरतते हुए जमकर खरीद की है। इसके चलते गेहूं किसानों उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिला है।
चालू फसल वर्ष में गेहूं की रिकार्ड तोड़ पैदावार हुई है, जो सर्वाधिक 9.7 करोड़ टन के उच्च स्तर को छूने लगी है। इसी के मद्देनजर भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं खरीद के लिए अपना लक्ष्य 3.30 करोड़ टन निर्धारित किया है, जो पिछले साल 2016-17 के 2.29 करोड़ टन के मुकाबले एक करोड़ टन से भी अधिक है। पिछले साल गेहूं की कमी को पूरा करने के लिए गेहूं उत्पाद बनाने वाली मिलों को गेहूं का महंगा आयात करना पड़ा। देश में कुल 55 लाख टन गेहूं विदेशों से मंगाना पड़ा।
उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ हुई योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गेहूं की पूर्व निर्धारित लक्ष्य 30 लाख टन के विपरीत 80 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य पुन: निर्धारित किया। लेकिन खरीद की गति तेज होने के बावजूद गेहूं खरीद की मात्रा 30 लाख टन के आसपास ही है। खरीद प्रणाली में पर्याप्त सुधार और जन प्रतिनिधियों के सक्रिय न होने की वजह से खरीद के 80 लाख टन तक पहुंचने की संभावना समाप्त हो गई है।
उत्तर प्रदेश की मंडियों में फिलहाल दैनिक आवक 58 हजार टन रह गई है। राज्य सरकार ने गेहूं खरीद की अवधि को बढ़ा जरूर दिया है, लेकिन दैनिक आवक में बहुत सुधार नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि गेहूं खरीद 50 लाख टन तक पहुंच जायेगी।
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