तपती धूप में प्रवासी श्रमिकों का सफर आसान कर रही छत्तीसगढ़ सरकार, बांटे जा रहे जूता- चप्पल
कई श्रमिकों और उनके परिवार तपती धूप में नंगे पांव ही राज्य की सीमा में पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अब ऐसे लोगों को जूता-चप्पल भी पहनाए जा रहे हैं।
रायपुर, जेएनएन। हजारों किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रहे प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ की सीमा में पहुंचने पर कुछ राहत मिल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य से गुजरने वाले सभी श्रमिकों के खाने-पीने और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था कर रही है। इसके साथ ही उन्हें उनके राज्यों की सीमा तक छोड़ने के लिए बसों का इंतजाम भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर उनके लिए जूता और चप्पल की भी व्यवस्था की जा रही है। राज्य की सीमा पर सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
कई श्रमिकों और उनके परिवार तपती धूप में नंगे पांव ही राज्य की सीमा में पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अब ऐसे लोगों को जूता-चप्पल भी पहनाए जा रहे हैं। अब तक दो लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक छत्तीसगढ़ के रास्ते झारखंड, बिहार, तेलंगाना और ओडिशा के लिए रवाना हुए हैं। करीब सौ बसें राजनांदगांव में महाराष्ट्र की सीमा पर लगाई गई हैं।
प्रतिदिन आ रहे 15 हजार से अधिक श्रमिक
महाराष्ट्र और गुजरात से प्रतिदिन 15 हजार से अधिक श्रमिक बागनदी चेक पोस्ट (राजनांदगांव) के रास्ते छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। इसमें कुछ छत्तीसगढ़ के रहते हैं बाकी झारखंड, बिहार, ओडिशा, बंगाल और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के हैं।
सभी सीमाओं पर की गई बसों की व्यवस्था
राज्य के रेंगाखार, चिल्फी, कोरिया, सूरजपुर, जशपुर, अंबिकापुर, रामानुजगंज आदि की सीमा पर बसों की व्यवस्था की गई है। वहां पहुंचने वाले छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके गृह जिला तथा अन्य राज्यों को प्रवासी श्रमिकों को भी राज्य की सीमा तक पहुंचाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।