कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका को देख तैयारी में जुटी सरकार, ऑनलाइन ट्रेनिंग से तैयार किए जा रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स
त्योहार और सर्दी के सीजन में कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वकर्स तैयार किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनकी ऑनलाइन ट्रेनिंग का मॉड्यूल तैयार किया है। प्रशिक्षण माड्यूल हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है।
नई दिल्ली, जेएनएन। त्योहार और सर्दी के सीजन में कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वकर्स तैयार किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनकी ऑनलाइन ट्रेनिंग का मॉड्यूल तैयार किया है। प्रशिक्षण माड्यूल हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें जांच के नमीने लेने, होम कोरेंटाइन में रहने वाले मरीजों पर नजर रखने से लेकर अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की देखभाल तक कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) के मुताबिक, केंद्र सरकार के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्लेटफार्म आइगॉट प्लेटफार्म पर कोरोना से संबंधित कोर्स के 29.29 लाख से अधिक यूनिट उपलब्ध हैं। इनमें से 19.13 लाख यूनिट में ट्रेनिंग कोर्स को लोग पूरा भी कर चुके हैं। इन कोर्सेस की लोकप्रियता का आलम यह है कि देश के 736 जिलों में से 729 जिलों में 13.60 लाख लोग इसमें अपना पंजीकरण कर चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 19.13 लाख कोर्स यूनिट में ट्रेनिंग कोर्स को पूरा करने वालों का आनलाइन मूल्यांकन किया गया और उनमें से 15.05 लाख सर्टिफिकेट भी जारी किए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने एक से अधिक यूनिट में ट्रेनिंग ली है। इसी कारण पंजीकृत लोगों से सफलता पूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने वालों की संख्या ज्यादा दिख रही है।
राजेश भूषण के अनुसार, ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स का मकसद देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन वर्कर्स की कमी को पूरा करना है। ट्रेनिंग में कोरोना की सामान्य जानकारी से लेकर क्लीनिकल मैनेजमेंट, इंटेंसिव केयर, आइसोलेशन फैसेलिटी, इंफेक्शन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल जैसे कोर्स शामिल हैं। इस प्लेटफार्म पर ऑनलाइन ट्रेनिंग लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।