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आरक्षण की सीमा को खत्म करने के लिए कानून बनाए सरकार: शरद पवार

शरद पवार ने कहा केंद्र सरकार ने दो दिन पहले ही सभी राज्यों को ओबीसी आरक्षण की सूची बनाने के लिए कहा था। देश में बहुत से लोग ये सोचते हैं कि आरक्षण राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है लेकिन इसे लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।

By Avinash RaiEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 06:10 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 11:26 PM (IST)
आरक्षण की सीमा को खत्म करने के लिए कानून बनाए सरकार: शरद पवार
आरक्षण को लेकर सरकार आम जनता को गुमराह कर रही हैं : शरद पवार

मुंबई, प्रेट्र। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को केंद्र से अनुरोध किया कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई 50 फीसद सीमा को खत्म करने और राज्यों को वर्तमान आरक्षण सीमा बढ़ाने की अनुमति देने के लिए वह कानून बनाए।

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पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि संविधान अदालत के किसी भी फैसले से बड़ा है। संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) आरक्षण के प्रतिशत की कोई सीमा तय नहीं करते, लिहाजा इसमें बढ़ोतरी करने में कोई संवैधानिक बाधा नहीं है। यही नहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को शिक्षा और नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण प्रदान करके केंद्र सरकार पहले ही इस सीमा को पार कर चुकी है। उन्होंने जाति आधारित जनगणना कराने की मांग भी की।

पड़ोसी देशों के बारे में विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की पृष्ठभूमि में पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने कहा, 'हमें सतर्क रहना चाहिए और दीर्घावधि के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। एक वक्त था जब चीन और पाकिस्तान को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे थे। दूसरे देशों को लेकर अपनी विदेश नीति की समीक्षा करने का समय आ गया है। स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन यह संवेदनशील मामला है। हम सरकार के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।'

राज्यसभा में मार्शलों का बल प्रयोग सांसदों पर परोक्ष हमला

पवार ने दावा किया कि पिछले सप्ताह राज्यसभा में हंगामे के दौरान मार्शलों द्वारा किया गया बल प्रयोग सांसदों पर परोक्ष हमला था। उन्होंने कहा कि अगर सात केंद्रीय मंत्रियों को मीडिया के सामने आकर सरकार का पक्ष लेना पड़ रहा है तो इसका मतलब है कि उनकी स्थिति कमजोर है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि 54 साल के संसदीय जीवन में उन्होंने सत्र के दौरान कभी 40 मार्शलों को सदन में घुसते नहीं देखा। साथ ही कहा कि सत्र के दौरान सदन में बाहरी लोगों के घुसने के आरोप की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेगासस के मुद्दे पर बनी संसदीय समिति में अभिषेक मनु सिंघवी, पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल में से किसी एक को शामिल किया जाना चाहिए।


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