पत्रकारों के लिए लाइसेंस के पक्ष में सरकार
नई दिल्ली। प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू से एक कदम आगे बढ़ते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पत्रकारों के लिए बार काउंसिल की तर्ज पर अखिल भारतीय स्तर पर संयुक्त परीक्षा आयोजित कर उन्हें लाइसेंस जारी करने का सुझाव दिया है। जस्टिस काटजू ने इससे पहले पत्रकारों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारण की मांग उ
नई दिल्ली। प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू से एक कदम आगे बढ़ते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पत्रकारों के लिए बार काउंसिल की तर्ज पर अखिल भारतीय स्तर पर संयुक्त परीक्षा आयोजित कर उन्हें लाइसेंस जारी करने का सुझाव दिया है। जस्टिस काटजू ने इससे पहले पत्रकारों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारण की मांग उठाई थी।
सोमवार को एक कार्यक्रम में मनीष तिवारी ने कहा, मेरे विचार में पाठ्यक्रम निर्धारित कर उसे संस्थानों में लागू कराने से बेहतर होगा कि मीडिया उद्योग संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार करे। उन्होंने सुझाव दिया कि बार काउंसिल और मेडिकल परीक्षा की तर्ज पर परीक्षाएं आयोजित कर इस [मीडिया] पेशे में आने के इच्छुक लोगों को लाइसेंस जारी किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया से मीडिया उद्योग में आने वालों का स्तर सुधारा जा सकता है। बार काउंसिल परीक्षा आयोजित कर उसमें उत्तीर्ण वकीलों को प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस जारी करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के लिए कुछ अच्छे संस्थान हैं, लेकिन फर्जी संस्थानों की भी कमी नहीं है।
डिजिटाइजेशन को लेकर समाचार चैनलों द्वारा अवधि बढ़ाने की मांग पर मनीष तिवारी ने कहा कि इसपर ट्राई विचार करेगी। साथ ही उन्होंने सेट टॉप बॉक्स निर्माण को लेकर भारतीय कंपनियों के पिछड़ने पर भी दुख जताया। उनके मुताबिक आठ अरब डॉलर के बाजार पर अब चीन और ताईवान जैसे देशों का कब्जा हो गया है। मध्यम और लघु उद्योगों के लिए उन्होंने इसे खोया हुआ अवसर बताया।
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