पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए SC कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित दो अधिवक्ताओं के नाम सरकार ने हटाए
Punjab Haryana High Court के जजों के रूप में पदोन्नति के लिए 13 अधिवक्ताओं के नामों के प्रस्ताव को मंजूरी देकर SC ने केंद्र से इसकी सिफारिश की थी। सरकार ने इनमें से दो अधिवक्ताओं के नाम को प्रस्तावित सूची से हटा दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित दो अधिवक्ताओं के नाम को वापस ले लिया है। जुलाई में चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए 13 अधिवक्ताओं के नामों के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्र से इसकी सिफारिश की थी।
सरकार ने दो नामों को वापस लिया
सूत्रों की मानें तो सरकार ने एच एस बरार और कुलदीप तिवारी को प्रस्तावित नामों की सूची से हटा दिया हैं। कानून मंत्रालय ने एक अधिवक्ता के खिलाफ कुछ पुराने आरोपों और दूसरे की कम उम्र का हवाला देते हुए दोनों के नाम हटाए हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 45 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
छह उच्च न्यायालयों में होगी जजों की नियुक्ति
बता दें कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने देश के छह उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के रूप में 20 अधिवक्ताओं और 15 न्यायिक अधिकारियों के पदोन्नति के प्रस्ताव नाम की सिफारिश केंद्र सराकर से की थी। इसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर 13 अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश की गई थी।
दोनों अधिवक्ता के नाम पर होगा पुनर्विचार
सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को 11 अधिवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर सूचना जारी की थी। सरकार ने बताया कि सही वक्त आने पर अन्य दोनों अधिवक्ताओं के नामों पर पुनर्विचार किया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा प्रस्तावित नामों पर पुनर्विचार करने का सरकार के पास अधिकार है।