सरकार ने वकीलों को दिलाया भरोसा, चिंता करने की जरूरत नही
विधि आयोग ने वकीलों को अनुशासन में बांधने के लिए अपनी 266वीं रिपोर्ट में एडवोकेट एक्ट में कई संशोधनों की सिफारिश की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एडवोकेट एक्ट में संशोधन की विधि आयोग की सिफारिशों का विरोध कर रहे वकीलों को सरकार ने भरोसा दिलाया है कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार वकीलों से चर्चा किए बगैर इस मामले में कुछ भी नहीं करेगी। कानून मंत्री रविशंकर की ओर से भरोसा दिये जाने के बाद बार काउंसिल आफ इंडिया और अन्य बार एसोसिएशनों ने अपने विरोध कार्यक्रम वापस ले लिये हैं।
विधि आयोग ने वकीलों को अनुशासन में बांधने के लिए अपनी 266वीं रिपोर्ट में एडवोकेट एक्ट में कई संशोधनों की सिफारिश की है। जिसमें वकीलों का लाइसेंस रद करने और मुवक्किल को मुआवजा देने तक के प्रावधान प्रस्तावित हैं। पूरे देश के वकील और बार एसोसिएशन विधि आयोग की इस सिफारिश का जोरदार विरोध कर रहे हैं।
इस सिलसिले में शुक्रवार को बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा राज्य और जिला बार एसोशिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। बीजेपी लीगल सेल के विक्रमजीत बनर्जी और अधिवक्ता परिषद से वकील सौरभ सिंह समशेरी भी कानून मंत्री से मिले और उन्हें वकीलों की चिंताओं से अवगत कराया। वकीलों ने कानून मंत्री को बताया कि विधि आयोग ने इस तरह की सिफारिश करने से पहले वकीलों से विचार विमर्श और चर्चा नहीं की है।
आयोग द्वारा की गई सिफारिशें वकालत के पेशे के लिए ठीक नहीं हैं। कानून मंत्री ने उनसे करीब पौन घंटे बातचीत करने के बाद उन्हें भरोसा दिलाया कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार वकीलों का सम्मान करती है और उसे उनकी चिंता भी है। प्रसाद ने कहा कि विधि आयोग की रिपोर्ट में सरकार का कोई हाथ नहीं है। आयोग की रिपोर्ट सरकार को मिली है लेकिन अभी उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में वकीलों से व्यापक विचार विमर्श करेगी और उनसे चर्चा के बाद ही इस बारे मे कोई फैसला किया जाएगा। कानून मंत्रालय को उन्होंने निर्देश दिये हैं कि इस मामले में वकीलों से व्यापक और प्रभावी चर्चा की जाए। प्रसाद ने वकीलों से हड़ताल और विरोध प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया।
वकीलों ने वापस लिया विरोध प्रदर्शन
कानून मंत्री की ओर से भरोसा दिलाए जाने के बाद बार काउंसिल आफ इंडिया ने अपना विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम वापस ले लिया। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने कहा कि वे कानून मंत्री के आश्वासन से संतुष्ट हैं और बीसीआई अपना विरोध कार्यक्रम फिलहाल वापस लेती है। साथ ही वे पूरे देश के वकीलों से अनुरोध करते हैं कि वे भी फिलहाल अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लें क्योंकि अभी किसी तरह के विरोध की जरूरत नही है।
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