सरकार ने बेवफा एनआरआइ पतियों पर कसा शिकंजा, वेबसाइट से होगा सम्मन तामील
बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं जिनकी एनआरआइ से शादी हुई है और उनके पति शादी के बाद उन्हें छोड़ विदेश चले गये हैं या उन्हें प्रताडि़त करते हैं।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। कानून को धता बता रहे बेवफा पतियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी है। जानबूझकर कोर्ट कार्यवाही को नजरअंदाज कर रहे एनआरआइ पतियों पर वेबसाइट के जरिए सम्मन तामील किया जाएगा और इसके लिए कानून में जरूरी संशोधन होगा। बुधवार को एनआरआइ पतियों पर अंकुश लगाने के लिए हुई मंत्री समूह की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया।
- मंत्रिसमूह की बैठक में हुआ फैसला
- सीआरपीसी के चेप्टर छह और धारा 82, 83 में होगा संशोधन
बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं जिनकी एनआरआइ (प्रवासी भारतीयों) से शादी हुई है और उनके पति शादी के बाद उन्हें छोड़ विदेश चले गये हैं या उन्हें प्रताडि़त करते हैं। वे विदेश में रहने का फायदा उठाते हुए कानूनी प्रक्रिया को भी नजर अंदाज करते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ऐसे लोगों पर कानून की गिरफ्त मजबूत करने के लिए उन पर वेबसाइट के जरिये सम्मन तामील करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर एनआरआइ विवाह विवाद मामलों पर विचार कर रही मंत्री समूह की बैठक में बुधवार को विचार हुआ। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भाग लिया।
सूत्र बताते हैं कि बैठक में एनआरआई पतियों पर वेबसाइट के जरिये सम्मन तामील करने की सहमति बनी है। ये तय पाया गया कि वेबसाइट पर सम्मन डाला जाएगा और उसे आरोपी पर तामील माना जाएगा। हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ कानूनी अड़चने हैं लेकिन इसके लिए कानून में जरूरी संशोधन किये जाएंगे।
सूत्र बताते हैं कि वेबसाइट के जरिये सम्मन तामील करने के लिए सीआरपीसी के चेप्टर छह (पेशी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया) की धारा 82 और 83 में संशोधन होगा और अन्य तरीकों के साथ इसे भी सम्मन तामील करने का एक तरीका माना जाएगा।
वेबसाइट पर सम्मन जारी होने के बावजूद अगर आरोपी पेश नहीं होता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा। उसका पासपोर्ट रद होगा। इसके अलावा आरोपी एनआरआइ की पैत्रिक संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और संपत्ति तबतक जब्त रहेगी जबतक कि वह अदालत में पेश नहीं हो जाता।
बुधवार की बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है जिसके मुताबिक एनआरआई को शादी करने के सात दिन के भीतर अपना विवाह पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए भी विवाह पंजीकरण कानून में संशोधन किया जाएगा। एनआरआई के विवाह पंजीकृत कराने के बाद उसका ब्योरा मैरिज रजिस्ट्रार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक पोर्टल तैयार किया है जिसमें एनआरआई मैरिज का सारा लेखा जोखा रहेगा। रजिस्ट्रार द्वारा भेजी गई जानकारी उस पोर्टल पर डाली जाएगी। एक वेब पोर्टल विदेश मंत्रालय तैयार कर रहा है जिस पर एनआरआइ पतियों को जारी सम्मन डाल कर उसे तामील मान लिया जाएगा।