वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में काम करेगी NEP, कमिटी गठित
एनइपी के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक नई समिति गठित की है। समिति में नौ सदस्य होंगे।
नई दिल्ली (एएनआई)। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति (एनइपी) पर काम के लिए 1994 से 2003 तक इसरो का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में मंगलवार को नौ सदस्यीय पैनल नियुक्त किया। गठन के तुरंत बाद पैनल अपना काम शुरू कर देगी।
मंत्रालय ने विभिन्न विशेषज्ञता और शैक्षणिक योग्यता वाली पृष्ठभूमि के लोगों को इस पैनल में शामिल किया है। यह पैनल भारतीय शिक्षा नीति को नये सिरे से गढ़ने का काम करेगी। पिछले 30 माह में एचआरडी मंत्रालय को शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, शिक्षकों , छात्रों व अन्य लोगों के हजारों सुझाव मिले। धार्मिक सम्मेलन आयोजित हुए जिसमें राज्य सरकारों ने अपने विचार दिए।
राज्यसभा में भी यह मामला उठाया गया और विशेष वार्ता का आयोजन हुआ जिसमें सभी पार्टियों से 48 सांसदों ने हिस्सा लिया। सभी ने लिखित तौर पर अपने विचार दिए। इस बीच 26,000 लोगों ने ऑनलाइन अपने विचार दिए।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) की कमान संभाल चुके कस्तूरीरंगन के अलावा पैनल में पूर्व आईएएस अधिकारी के जे अल्फोंसे कनामथानम भी हैं। उन्होंने बताया कि इन्होंने केरल के कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों के पूर्ण साक्षरता दर हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्हें कृषि विग्यान और प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है।
पैनल के अन्य सदस्यों में मुंबई की एसएनडीटी विवि की पूर्व कुलपति डॉक्टर वसुधा कामत, पूर्व आईएएस अधिकारी के जे अल्फोंसे कनामथानम, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव, मध्य प्रदेश के महू स्थित बाबा साहेब अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विवि के कुलपति राम शंकर कुरील, कर्नाटक राज्य नवोन्मेष परिषद के पूर्व सदस्य सचिव डॉ एम के श्रीधर, भाषा संचार के विशेषज्ञ डॉक्टर टी वी कट्टीमनी, गुवाहाटी विवि में फारसी के प्रोफेसर डॉ मजहर आसिफ और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी को भी इस समिति में शामिल किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा, इस समिति का गठन इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि सदस्य शिक्षा के विविध क्षेत्रों से जुड़ी विशेषज्ञता लेकर आएंगे। महत्वपूर्ण रूप से यह समिति देश की विविधता भी दिखाती है क्योंकि सदस्य विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों से आते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को उम्मीद है कि इस विविधता से समिति को ऐसे अहम नीतिगत दस्तावेज तैयार करते वक्त विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखने में मदद मिलेगी। कुछ साल पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में नयी शिक्षा नीति पर एक समिति बनाई थी। सूत्रों ने कहा कि इस समिति के सुझावों का भी इस्तेमाल किया जायेगा।