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छात्रवृति के लीकेज को रोककर मोदी सरकार ने बचाए 325 करोड़

मंत्रालय का मानना है कि उन्हें यह सफलता छात्रवृत्ति से जुड़ी सभी 13 स्कीमों को डीबीटी ( प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना से जोड़कर हासिल हुई है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 11:09 PM (IST)
छात्रवृति के लीकेज को रोककर मोदी सरकार ने बचाए 325 करोड़
छात्रवृति के लीकेज को रोककर मोदी सरकार ने बचाए 325 करोड़
style="text-align: justify;">नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एससी-एसटी सहित दिव्यांगों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के एक बड़े लीकेज को सरकार ने खत्म करने का दावा दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का कहना है कि इससे उन्हें करीब 325 करोड़ की बचत भी हुई है। मंत्रालय का मानना है कि उन्हें यह सफलता छात्रवृत्ति से जुड़ी सभी 13 स्कीमों को डीबीटी ( प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना से जोड़कर हासिल हुई है। इसके तहत छात्रवृत्ति का पूरा पैसा अब सीधे छात्रों के खाते में भेजा जा रहा है।
मंत्रालय ने इसे लेकर जारी रिपोर्ट में बताया है कि अभी तक एससी-एसटी और दिव्यांगों से जुड़ी छात्रवृत्ति का पैसा राज्यों को दिया जाता था, जहां से स्कूल और कालेजों को आवंटित होता है। इसके लिए कालेजों को सिर्फ छात्रों की सूची उपलब्ध करानी होती है। ऐसे में इसमें गड़बड़ी की काफी संभावना था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस दौरान जो देखने को मिल रहा था, उसके तहत एक छात्र के नाम कई स्कूलों में दर्ज होते थे। लेकिन यह पकड़ में नहीं आता था।
निजी स्कूल व कालेजों में यह शिकायत काफी थी। यही वजह रही कि मंत्रालय ने अब स्कूलों को पैसा देने के बजाय डीबीटी स्कीम के तहत सीधे छात्रों के आधार से लिंक सत्यापित खातों में पैसा भेजना शुरू किया है। इसे पिछले दो सालों में विभाग की शतप्रतिशत योजनाओं में लागू कर दिया गया है। जिसके नतीजे अब मिलने लगे है। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1.32 करोड़ लाभार्थियों की पात्रता के अनुसार उनके बैंक खाते में सीधे राशि भेजी गई है। इसके अलावा एनजीओ और एससी-एसटी से जुड़े निगमों को भी सीधे सहायता देने के बजाय उनकी ओर से चिन्हित लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजा जा रहा है।

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