सरकारी अनुदान का दुरुपयोग करने वाले 23 एनजीओ ब्लैकलिस्ट
सरकारी अनुदान का दुरुपयोग करने वाले 23 स्वयंसेवी संगठनों को सरकार ने काली सूची में डाल दिया है।
नई दिल्ली (संजय सिंह)। सरकार ने सड़क सुरक्षा एवं ड्राइवरों को ट्रेनिंग के नाम पर सरकारी अनुदान का दुरुपयोग करने वाले 23 स्वयंसेवी संगठनों को काली सूची में डाल दिया है। ये स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम तथा ट्रक ड्राइवरों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने की योजना के तहत काम कर रहे थे। योजना के तहत मंत्रालय ऐसे एनजीओ को सालाना अनुदान प्रदान करता है। इसमें से आधी राशि एडवांस में दी जाती है, जबकि बाकी आधी रकम का भुगतान कार्यक्रम संपन्न होने और उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने के बाद होता है।
2004-07 के बीच घोटाला :
लेकिन 2004-07 के दौरान 23 एनजीओ ने आधी रकम लेने के बाद न तो मंत्रालय को कोई ब्यौरा दिया और न यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा कराया। जबकि इसदौरान मंत्रालय की ओर से इन संगठनों को कुल 11,72,250 लाख रुपये की मदद एडवांस के रूप में प्रदान की गई थी।
नहीं मिला जवाब :
मंत्रालय की ओर से इन एनजीओ को इनके द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों का ब्यौरा देने तथा उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कई पत्र लिए गए। परंतु कोई जवाब नहीं मिला। इसी के बाद इन्हें ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय लिया गया। इन 23 एनजीओ में 21 एनजीओ ने सड़क सुरक्षा कार्यक्रम चलाने, जबकि दो ने ड्राइवर ट्रेनिंग के नाम पर पैसा लिया था।
फर्जीवाड़े का शक :
वैसे तो एनजीओ को प्रदत्त राशि मामूली है। परंतु मंत्रालय को शक है कि सड़क सुरक्षा व ड्राइवर ट्रेनिंग के नाम पर इन एनजीओ का फर्जी तरह से गठन कर इनकी आड़ में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। इनमें पांच एनजीओ गुजरात से हैं, जबकि दो-दो राजस्थान, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, असम, केरल व कर्नाटक से तथा एक-एक एनजीओ मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, त्रिपुरा, महाराष्ट्र व दिल्ली से है।
अब स्थायी उपायों को ही मदद :
एनजीओ के गोरखधंधे को देखते हुए ही सरकार ने अब सड़क सुरक्षा व ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए सड़कों का डिजाइन सुधारने व ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने तथा ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने के लिए मदद का रास्ता अपनाया है।
सरकार ने छेड़ रखा है अभियान :
फर्जी एनजीओ के खिलाफ मोदी सरकार ने चौतरफा मुहिम चला रखी है। अक्टूबर, 2014 में गृह मंत्रालय ने 10,343 एनजीओ को वार्षिक रिटर्न दाखिल न करने के लिए नोटिस जारी किया था और जवाब न मिलने पर 8,975 एनजीओ के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय भी 104 एनजीओ को या तो ब्लैकलिस्ट कर चुका है या उनकी मदद निलंबित कर दी गई है।
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