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कुत्ते बेलगाम, इंसान परेशान; आवारा कुत्तों से निपटने के उपाय खोजने में जुटी हैं सरकारें और अदालतें

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने की घटनाओं पर चिंता जताई थी और इसका उपाय निकालने की बात कही थी। 28 सितंबर को फिर सुनवाई होनी है और इस पर कुछ आदेश जारी हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Sat, 24 Sep 2022 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:02 PM (IST)
कुत्ते बेलगाम, इंसान परेशान; आवारा कुत्तों से निपटने के उपाय खोजने में जुटी हैं सरकारें और अदालतें
इस साल जुलाई तक देश में पशुओं के काटने की 14,50,666 घटनाएं हुईं

नई दिल्ली, माला दीक्षित। इंसान का सबसे वफादार साथी कुत्ता माना जाता है लेकिन इनकी वजह से स्थति अब बिगड़ रही है। 22 जुलाई तक देशभर में पशुओं के काटने की 14,50,666 घटनाओं का आंकड़ा सरकार ने लोकसभा में दिया था। 26 जुलाई को सदन में देशभर में कुत्तों के काटने की घटनाओं का ब्योरा पूछा गया था। सरकार ने अपने आंकड़ों में विशेष तौर पर कुत्तों के काटने की संख्या तो नहीं बताई थी, लेकिन जाहिर सी बात है कि इसमें सबसे ज्यादा संख्या कुत्तों के काटने की है।

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निपटने का उपाय ढूंढने में लगी सरकारें और अदालतें

इससे निपटने का उपाय ढूंढने में सरकारें और अदालतें मंथन कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित कई उच्च न्यायालयों में मामले लंबित हैं। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने की घटनाओं पर चिंता जताई थी और इसका उपाय निकालने की बात कही थी। 28 सितंबर को फिर सुनवाई होनी है और इस पर कुछ आदेश जारी हो सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि कानून के अनुपालन में सख्ती की जरूरत है।

कुत्ते के काटने पर सवाल

बड़ा सवाल है कि अगर किसी को कुत्ता काट ले तो वो कहां जाए? किससे शिकायत करे? गाजियाबाद के पार्षद संजय सिंह कहते हैं कि इस समस्या के हल के लिए मैने सदन में प्रस्ताव दिया था लेकिन दुर्भाग्य से उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अगर यह प्रस्ताव पारित होता तो न सिर्फ गाजियाबाद में कुत्तों की समस्या 90 प्रतिशत खत्म हो जाती बल्कि और जगहों के लिए भी वो नजीर बनता। सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में भी कुत्तों की समस्या पर अर्जी डाली हुई है और इसमें कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।

संजय कहते हैं कि उनके सुझाव बहुत सीधे साधे और समाधान वाले हैं। जैसे कि सोसाइटी का फ्लैट छोटा होता है, वहां रहने वाले अधिक संख्या में कुत्ते नहीं पाल सकते। नियमों में यह बात तय है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड को इसे लागू करना चाहिए। इसके अलावा अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन (एओए) को अधिकृत किया जाए कि वह कुत्तों को खाना खिलाने वालों के साथ मिलकर खाने का स्थान तय कर दे क्योंकि खाने के समय कुत्ते ज्यादा हिंसक होते हैं।

सुझाव यह भी है कि लिफ्ट, सड़क या सार्वजनिक स्थान पर ले जाते वक्त कुत्ते के मुंह पर जाली लगाई जाए ताकि कुत्ता किसी को काट न सके। अगर कोई कुत्ता मालिक इसका उल्लंघन करे तो एओए को उस पर पेनाल्टी लगाने का अधिकार हो। अगर गंदगी करे तो सफाई की जिम्मेदारी मालिक और आवारा कुत्ते की गंदगी साफ करने की जिम्मेदारी एओए की होनी चाहिए।

देश में करीब डेढ़ करोड़ कुत्ते 20वीं पशु जनगणना के मुताबिक देशभर में कुत्तों की कुल संख्या 1.53 करोड़ है। सरकार ने ये जानकारी बीते दो अगस्त को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी थी। कुत्तों या आवारा पशुओं से जुड़े कानून पर हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह कहते हैं कि सभी जगह नियम कानून बने हैं, जरूरत उनको कड़ाई से लागू करने की है। सिर्फ कुत्तों के बधियाकरण से समस्या खत्म नहीं होगी, इससे उनके प्रजनन पर तो रोक लगेगी लेकिन उनके काटने का खतरा खत्म नहीं होगा। कुत्ते के काटने पर मुफ्त इलाज और पीडि़त को क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए।

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