सरकार में रोलबैक को लेकर असमंजस
पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर देश भर मे उपजे बवाल को लेकर सरकार सांसत मे तो है, लेकिन वह तत्काल कुछ करने नही जा रही। पेट्रोल मूल्य वृद्धि मे कटौती का रास्ता निकालने की कोशिश जरूर की जा रही है। कांग्रेस ने भी कोर कमेटी की बैठक मे सरकार से लोगो को राहत देने के लिए कोई रास्ता निकालने की अपील की।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर देश भर में उपजे बवाल को लेकर सरकार सांसत में तो है, लेकिन वह तत्काल कुछ करने नहीं जा रही। पेट्रोल मूल्य वृद्धि में कटौती का रास्ता निकालने की कोशिश जरूर की जा रही है। कांग्रेस ने भी कोर कमेटी की बैठक में सरकार से लोगों को राहत देने के लिए कोई रास्ता निकालने की अपील की।
देश भर में उभरे विरोध को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को डीजल कीमत वृद्धि पर होने वाली अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक टाल दी। इसके जरिये डीजल और रसोई गैस पर सब्सिडी कम करने का फैसला होना है। राजनीतिक दलों के विरोध और उनके प्रस्तावित भारत बंद के एलान के बाद अब सरकार राज्यों को पेट्रोल पर बिक्री कर घटाने के लिए मनाने की कोशिश करेगी।
पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बाद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से चर्चा की। रेड्डी ने बाद में कीमत घटाने को लेकर गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि अगले कुछ दिनों के भीतर सरकार मूल्य कटौती का कोई रास्ता जरूर निकाल लेगी। जबकि, गुरुवार को सरकार ने जनता को राहत देने के लिए रोलबैक के संकेत दिए थे। अब सरकार को सबसे ज्यादा उम्मीद क्रूड और रुपये की कीमत में गिरावट से है।
रेड्डी के मुताबिक, 'मूल्य कटौती का फैसला सोच-विचार कर होगा। हम कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपये की स्थिति को देखते हुए कोई फैसला करेंगे। यह फैसला कुछ दिनों के दौरान ही होगा।'
इसके अलावा केंद्रीय कर में भी कमी पर विचार हो रहा है। रेड्डी ने कहा, हम शीघ्र ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाना चाहते हैं ताकि बिक्री कर घटाने को लेकर कोई आम सहमति बनाई जा सके। अगर राज्य सरकारों ने पेट्रोल पर बिक्री कर या वैट की दरों में कुछ राहत दे दी तो इससे मौजूदा मूल्य वृद्धि से आम जनता को कुछ राहत दी जा सकती है। केरल और उत्तराखंड के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी वैट घटाने के संकेत दिए हैं।
माना जा रहा है कि एक जून, 2012 को जब तेल कंपनियां दोबारा पेट्रोल कीमत की समीक्षा करेंगी तो कुछ राहत आम जनता को दी जाएगी। लेकिन, इसमें एक समस्या यह है कि 31 मई को विपक्षी पार्टियों की हड़ताल है और उसके अगले दिन मूल्य कटौती हुई तो इसका श्रेय केंद्र के बजाय विपक्षी दलों को जा सकता है। ऐसे में सरकार कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेगी।
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