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चुनाव में आठ करोड़ खर्च करने की बात कह फंसे मुंडे

लोक सभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने बड़बोलेपन में यह कहकर मुसीबत मोल ले ली है कि उन्होंने पिछले चुनाव में आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। अब कांग्रेस-राकांपा सहित कई अन्य दलों की तरफ से उन पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

By Edited By: Published: Fri, 28 Jun 2013 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2013 01:03 AM (IST)
चुनाव में आठ करोड़ खर्च  करने की बात कह फंसे मुंडे

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। लोक सभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने बड़बोलेपन में यह कहकर मुसीबत मोल ले ली है कि उन्होंने पिछले चुनाव में आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। अब कांग्रेस-राकांपा सहित कई अन्य दलों की तरफ से उन पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। निर्वाचन आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई आयोग की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। आयोग ने मुंडे के भाषण की सीडी मंगाकर देखने के बाद ही किसी भी तरह की कोई कार्रवाई करने का फैसला किया।

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मुंडे ने बृहस्पतिवार शाम एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए पिछले चुनाव में आठ करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया था। इस समारोह में भाजपा चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे। चूंकि लोकार्पित हो रही पुस्तक का विषय लोकतंत्र से संबंधित था, इसलिए इस विषय पर बोलते-बोलते मुंडे काफी आगे बढ़ गए। जोश में वह कह बैठे, '1980 में मैंने अपना पहला विधानसभा चुनाव सिर्फ 29000 रुपये में लड़ा था। लेकिन 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ते समय हमें आठ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े।' वह यहीं नहीं रुके, अपनी बात खत्म करते उन्होंने कहा, 'अगर चुनाव आयोग मेरी बात सुन भी रहा हो तो अब तो मेरे कार्यकाल के सिर्फ आठ महीने ही शेष बचे हैं।'

गौरतलब है कि मुंडे का यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में ही दिया गया था। उनके कहने का आशय था कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित खर्च सीमा में चुनाव लड़ा ही नहीं जा सकता। 2009 में तो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए खर्च सीमा सिर्फ 25 लाख रुपये थी। फरवरी 2011 में इसे बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया। मुंडे का कहना था कि सरकारी वित्तपोषण से ही चुनाव में कालेधन का प्रयोग रोका जा सकता है। लेकिन उनके राजनीतिक विरोधी उनके इस बयान पर उन्हें घेरने में लग गए हैं। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक के कांग्रेस-राकांपा नेता चुनाव आयोग से उन पर कार्रवाई की मांग करने लगे हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री व राकांपा नेता आरआर पाटिल ने आयोग से इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुंडे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जबकि कांग्रेस की ओर से केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोर्चा खोला। तिवारी ने कहा, 'अगर मुंडे ने 25 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है तो इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। इस बारे में भाजपा नेता से आयोग को पूछताछ करनी चाहिए।'

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