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गोपाल राय का दावा, '45 से भी अधिक सीटें जीतेगी आप'

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को मिल रहे समर्थन से पार्टी नेता गोपाल राय बेहद उत्साहित हैं। राय बाबरपुर सीट से पार्टी के प्रत्याशी हैं और खुद की व पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उनका दावा है कि आप 45 से अधिक सीटें जीतेगी। जीत

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 12:36 PM (IST)
गोपाल राय का दावा, '45 से भी अधिक सीटें जीतेगी आप'

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को मिल रहे समर्थन से पार्टी नेता गोपाल राय बेहद उत्साहित हैं। राय बाबरपुर सीट से पार्टी के प्रत्याशी हैं और खुद की व पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उनका दावा है कि आप 45 से अधिक सीटें जीतेगी। जीत का कारण पूछने पर राय कहते हैं कि आप ही ऐसी पार्टी है जिसके पास हर मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण है। दिल्ली चुनाव को लेकर जागरण के मुख्य संवाददाता वीके शुक्ला ने उनसे बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश:-

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एक साल के अंदर विधानसभा का यह दूसरा चुनाव हो रहा है, इस चुनाव को किस रूप में ले रहे हैं।

इस चुनाव को भी हम पिछले चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं और हमारे लिए कुछ भी अलग नहीं है। इस चुनाव में एक बात जरूर है कि भाजपा बुरी तरह घबराई हुई है।

आप भाजपा जैसी पार्टी के घबराने की बात किस आधार पर कर रहे हैं?

इस चुनाव में जनता ने तय कर लिया है कि घर वापसी कराने वालों को सत्ता से दूर रखना है और विकास और भाईचारे की बात करने वाली आप को जिताना है। इससे भाजपा घबराई हुई है और यही कारण है कि केंद्र सरकार के कई मंत्री दिल्ली चुनाव में प्रचार कर रहे हैं। भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है और निश्चित रूप से यह उसकी हताशा का ही परिणाम है। उसकी कोशिश है कि चुनाव को मुख्य मुद्दों से भटकाकर लोगों को गुमराह किया जा सके।

इसमें बुराई क्या है, यदि केंद्र सरकार के मंत्री दिल्ली चुनाव में उतरे हैं? यह तो पहले से भी होता रहा है।

कोई बुराई नहीं है, इन्हीं मंत्रियों के फेर में भाजपा हड़बड़ाहट में हर रोज एक गलती कर रही है। पहले 350 से अधिक सांसदों को दिल्ली में लगाया गया, मगर वे फेल हो गए, फिर किरण बेदी को लाया गया, वे भी फेल हो गईं। इस सबके बाद केंद्रीय मंत्री उतारे गए हैं और अब भाजपा अन्ना हजारे के अपमान पर उतर आई है। ऐसा करके साफ है कि भाजपा बुरी तरह डरी हुई है और वह चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है।

किरण बेदी देश की पहली महिला आइपीएस हैं। उनके आने से भाजपा उत्साहित है तो वह फेल कैसे हो गईं?

पहली बात यह कि, किरण बेदी को लेकर भाजपा में फूट पड़ी हुई है। दूसरा किरण बेदी किसी भी विषय पर जवाब नहीं दे पा रही हैं। आप उन्हें चुनौती दे रही है कि खुले मंच पर आकर बहस करें, लेकिन वह लगातार मैदान छोड़कर भाग रही हैं। पहले उनके नई दिल्ली से चुनाव लडऩे की चर्चा थी लेकिन हार के डर से घबराकर वह कृष्णा नगर आ गईं।

बेदी के बारे में भाजपा ने कभी घोषणा नहीं की थी कि वह नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगी।

सीधी बात यह है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीन माह पहले ही साफ कर दिया था कि वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। मगर अरविंद भाई से डर कर कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार अजय माकन नई दिल्ली सीट छोड़कर सदर बाजार चले गए। वहीं, बेदी भी डर कर कृष्णा नगर से चुनाव लड़ रही हैं। बेदी जब खुद डर रही हैं तो भाजपा को क्या जिताएंगी। भाजपा मान चुकी है कि वह विधानसभा चुनाव में मैदान से बाहर है।

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