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इस्मत आपा : पहली लेखिका जिसने 'समलैंगिकता' को प्रमुखता से उठाया

मशहूर उर्दू साहित्यकार इस्मत चुगताई की आज 103वीं जयंती है। इस खास अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 09:37 AM (IST)
इस्मत आपा : पहली लेखिका जिसने 'समलैंगिकता' को प्रमुखता से उठाया
इस्मत आपा : पहली लेखिका जिसने 'समलैंगिकता' को प्रमुखता से उठाया

नई दिल्ली (जेएनएन)। मशहूर उर्दू साहित्यकार इस्मत चुगताई की आज 103वीं जयंती है। इस खास अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस्मत चुगताई को ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है। वे उर्दू साहित्य की सर्वाधिक विवादास्पद और सर्वप्रमुख लेखिका थीं, जिन्होंने महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया। अपनी रचनाओं से समाज की दबी-कुचली महिलाओं की आवाज उठाने के कारण ही वे हमेशा विवादों में रहीं। इसके बावजूद वे ताउम्र महिलाओं की आवाज उठाती रहीं।

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महिलाओं की मनोदशा को कागज पर उतारा

पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के मुद्दे, उनके सवाल उठना आसान नहीं था। लेकिन इस्मत चुगताई ने अपने जीवन के 70 सालों में महिलाओं के मुद्दे व उनके सवाल प्रमुखता से उठाए। अपनी रचनाओं में निम्न और मध्यवर्ग से आने वाली मुस्लिम तबके की दबी-कुचली बढ़ती उम्र की लड़कियों के हालात व उनकी मनोदशा को उन्होंने अपनी कलम से कागज पर उतारा।

"लिहाफ" के लिए लगा अश्लीलता का आरोप

अपनी इसी लेखनी के कारण वह उर्दू में की विवादास्पद लेखिका बन गई। उनकी लिखी रचना "लिहाफ" ने तो मानों चिंगारी ही लगा दी। साल 1942 में जब उनकी कहानी लिहाफ प्रकाशित हुई, तो उर्दू-साहित्य जगत में बवाल मच गया। उनकी इस लेखनी के कारण उनपर समलैंगिकता के नाम पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा। इसको लेकर उनपर लाहौर हाई कोर्ट में मुकदमा भी चला, हालांकि बाद में वह खारिज हो गया। 1998 में दीपा मेहता निर्देशित फिल्म 'फायर' इस्मत की रचना 'लिहाफ' पर ही आधारित थी। इस फिल्म में शबाना आजमी और नंदिता दास मुख्य भूमिका में थे।

कई फिल्मों की पटकथा लिखी

इस्मत चुगताई ने केवल किताबें ही नहीं लिखी बल्कि कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी। साथ ही फिल्म 'जुगनू' में अभिनय भी किया था। उनकी पहली फिल्म 'छेड़छाड़' 1943 में आई थी। उनकी आखिरी फिल्म 'गर्म हवा' (1973) ने बहुत सफलता हासिल की, जिसके चलते उन्हें कई पुरस्कार भी मिले। वे कुल 13 फिल्मों से जुड़ी रहीं।

दफनायी नहीं जलाई गईं थी इस्मत

इस्मत चुगताई का जन्म 21 अगस्त, 1915 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था और उनका निधन 24 अक्टूबर, 1991 में हुआ। वे मुस्लिम थीं, लेकिन उसके बावजूद मरने के बाद उन्हें दफनाया नहीं बल्कि जलाया गया था। दरअसल, उनकी इच्छा थी कि उन्हें जलाया जाए। उनको मुंबई के चन्दनबाड़ी में जलाया गया था।


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