छात्रों के लिए खुशखबरी, अगले दो सालों में स्कूली पाठ्यक्रम हो जाएगा आधा
पाठ्यक्रम को छोटा करके स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए खेलकूद और व्यक्तित्व विकास से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकेगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा को मजबूती देने में जुटी सरकार अब स्कूली पाठ्यक्रम को भी रुचिकर और छोटा बनाएगी। इस दिशा में पहल तेज हो गई है। योजना के तहत अगले दो सालों में स्कूली पाठ्यक्रम को आधा कर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि पाठ्यक्रम को छोटा करके वह स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए खेलकूद और व्यक्तित्व विकास से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकेगी।
योजना को अंतिम रूप देने में जुटी सरकार, जल्द दिखेगा बदलाव
स्कूली पाठ्यक्रम को छोटा करने में जुटे टीम के मुताबिक शुरूआत में इसके तहत पाठ्यक्रम में बदलाव करना था, लेकिन बाद में बदलाव के साथ इसे छोटा करने का भी योजना पर भी काम शुरु किया गया है। यह कदम बदलाव को लेकर मांगे गए सुझावों के बाद उठाया गया है, जिसमें देश भर से करीब 40 हजार लोगों ने सुझाव दिए है। इनमें से ज्यादातर सुझाव पाठ्यक्रम को छोटा करने से जुडे थे। वैसे भी सरकार के स्तर पर पहले से ही बच्चों के बस्ते को बोझ को कम करने की बात होती रही है, लेकिन अब तक इस तरह की पहल नहीं की गई थी।
सरकार ने पहली बार इसे लेकर योजनाबद्ध तरीके से काम शुरु किया है। इसके लिए कुछ बड़े कदम भी उठाए हैं। इनमें समग्र शिक्षा के तहत खेलकूद के लिए एक विशेष फंड का निर्माण और स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब का निर्माण जैसे कदम भी शामिल है। माना जा रहा है कि इससे बच्चों के भीतर नेचुरल रूप से प्रतिभा और व्यक्तित्व का विकास होगा।
स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को कम करने के लिए किताबों से गैर-जरूरी सारी चीजों को निकाला जा रहा है। साथ ही ऐसे विषयों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो बच्चों के लिए रुचिकर हो और उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक बन सके। इसमें नैतिक शिक्षा को प्रमुखता से शामिल करने की तैयारी है।
योजना पर काम कर रहे अधिकारियों के मुताबिक यह बदलाव स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही पाठ्यक्रम को छोटा करके उसकी जगह छात्रों को कहां इंगेज किया जाएगा, इसकी भी तैयारी की जा रही है।