CRPF जवानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 22 सौ शहीद के परिवारों को दिया जाएगा स्वास्थ्य बीमा कवर
इन सेवाओं का सारा प्रीमियम सीआरपीएफ भरेगा और यह रकम वेलफेयर फंड से चुकाई जाएगी। इससे हमारे 2200 शहीदों के परिवारों को फायदा होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सुरक्षाबल CRPF ने अपनी तरह का पहला फैसला लिया है। सीआरपीएफ ने अपनी स्थापना के समय से अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद होने वाले 2200 अधिकारियों के परिजनों को व्यापक स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला किया है। केंद्रीय बल शहीदों के इन परिजनों के बीमा का पूरा प्रीमियम चुकाएगा।
योजना का नाम 'हमारे शहीदों पर गर्व है'
सीआरपीएफ ने 19 मार्च को होने वाले अपने 81वें स्थापना दिवस के अवसर पर यह योजना 'हमारे शहीदों पर गर्व है' नाम से शुरू करने का ऐलान किया है। इसी थीम के तहत स्वास्थ्य बीमा देने और अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में विभिन्न पदों पर 3.25 लाख कर्मचारी हैं। उल्लेखनीय है कि अभी तक शहीदों के परिजनों को किसी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिए खुद ही प्रीमियम का भुगतान करना होता था। सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी महेश्वरी ने बताया कि हमने हमारे सभी शहीदों के परिवारों को व्यापक स्वास्थ्य बीमा का कवर देने का फैसला किया है। इन सेवाओं का सारा प्रीमियम सीआरपीएफ भरेगा और यह रकम वेलफेयर फंड से चुकाई जाएगी। इससे हमारे 2200 शहीदों के परिवारों को फायदा होगा। इससे उस खाई को भी पाटा जा सकेगा जिसमें हमारे देश के लिए जान देने वाले शहीदों के परिजनों की अच्छी देखभाल हो सकेगी।
30 हजार से 1.20 लाख रुपये तक प्रीमियम
सीआरपीएफ के सबसे निचले पायदान के कांस्टेबल या जवान के लिए जीवन भर की स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम राशि 30 हजार रुपये होती है जबकि आला अधिकारियों के लिए प्रीमियम की यह रकम 1.20 लाख रुपये तक हो जाती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजी ने इस नई योजना की जानकारी देश भर में हुए विभिन्न 'सैनिक सम्मेलन' में दी है। यहां तक कि पिछले साल पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों के परिजनों के भी स्वास्थ्य बीमा का पूरा प्रीमियम भरा जा चुका है। इसीलिए डीजी ने विशेष करार करके सभी शहीदों के परिवारों को इस दायरे में लाने की सुविधा दी है। एक तय समय में इन सभी परिवारों को विशेष स्वास्थ्य कार्ड भी जारी किए जाएंगे। इस केंद्रीय सुरक्षा बल ने अपनी नई कल्याणकारी योजनाओं के तहत एक एमओयू पर दस्तखत किए हैं। इसमें युद्ध अभियानों के दौरान घायल जवानों दिव्यांगता की स्थिति में विशेष सहायता और सूचना तकनीक के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
घायल जवानों को वैकल्पिक सेवाओं के लिए प्रशिक्षण
डीजी महेश्वरी ने कहा कि अपने जवानों के आत्मसम्मान का ख्याल रखते हुए उन्हें घायल होने के बाद इस तरह तैयार किया जाएगा कि वह विशेषज्ञ संस्थानों की मदद से एक वैकल्पिक योग्यता हासिल कर लें। सुरक्षा बलों को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, साइबर स्पेस टेकनीक, भाषाओं आदि पर विशेषज्ञता दिलाई जाएगी। सुरक्षा बलों में घायल जवानों को डेस्क जाब दी जाएगी। क्लास रूम लेक्चर अधिकारी भी बनाया जाएगा। वह कंट्रोल रूम के दायित्वों को भी संभाल सकेंगे। उन्हें विभिन्न समारोहों में उद्घोषक और एंकरिंग का काम भी दिया जा सकता है। सुरक्षा बल के प्रमुख ने बताया कि आइआइआइटी-हैदराबाद से सुरक्षा बल ने टाइअप किया है। ताकि सीआरपीएफ के दिव्यांग जवान एक साल के डिस्टेंट लर्निग सर्टीफिकेट कोर्स के जरिये डिग्री हासिल करेंगे। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस हफ्ते होने वाले देश में सभी परेड समारोहों को रद कर दिया गया है।
अर्धसैनिक बल क्वारेंटाइन कैंप तैयार रखें : रेड्डी
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि सीआरपीएफ, आइटीबीपी, बीएसएफ समेत सभी अर्धसैनिक बलों को कहा गया है कि वह कोविड-19 यानी कोरोना वायरस के संदिग्धों के लिए ऐहतियाती कदम के तौर पर क्वारेंटाइन कैंप यानी जांच के लिए अलग से संदिग्धों को अलग रखने वाले स्थानों की व्यवस्था करें। ऐसे कई केंद्रों के लिए स्थानों की पहचान की जा चुकी है। जितने भी लोगों के लिए जरूरत पड़ेगी, उन्हें वहां रखा जा सकेगा। फिलहाल दिल्ली के पास आइटीबीपी (इंडो टेबिटन बार्डर पुलिस) 500 लोगों का एक कैंप चला रही है। इस केंद्र से पहले ही संदिग्ध लोगों के दो बैच की जांच कर उन्हें घर भेजा जा चुका है।