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विदेश से आकर दूसरे शहरों में जाने वाली उड़ानों से सोने की तस्करी, जानें कैसे होता है खेल

विदेश से सोना तस्करी करने वाले शातिर लोगों ने अब उड़ानों (फ्लाइट्स) का उपयोग करना शुरू कर दिया है। देश में सोना अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से लाया जाता है। जानें सोने की तस्‍करी के लिए कौन से तरीके अपना रहे शातिर...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 11:31 PM (IST)
विदेश से आकर दूसरे शहरों में जाने वाली उड़ानों से सोने की तस्करी, जानें कैसे होता है खेल
विदेश से सोना तस्करी करने वाले शातिर लोगों ने अब उड़ानों का उपयोग करना शुरू कर दिया है।

मोहम्मद रफीक, भोपाल। विदेश से सोना तस्करी करने वाले शातिर लोगों ने अब उड़ानों (फ्लाइट्स) का उपयोग करना शुरू कर दिया है। देश में सोना अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से लाया जाता है और ऐसी उड़ान को चुना जाता है जो विदेश से आने के बाद देश के अन्य शहरों में भी जाती है। घरेलू उड़ान से किसी शहर तक पहुंचने के बाद यात्री की जांच नहीं होने के कारण तस्करों के लिए यह आसान रास्ता हो गया है।

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तीन तरह से उठाते हैं फायदा

दरअसल, विदेश से आने वाला सोना अधिक शुद्ध और घरेलू भाव से सस्ता होता है। साथ ही इस पर देश में लगने वाले टैक्स भी बच जाते हैं। इस तरह तस्कर सोने पर तीन तरह से फायदा उठाते हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) की टीम द्वारा मध्य प्रदेश में गत महीनों में विभिन्न स्थानों से 40 करोड़ रुपये से अधिक का सोना तस्करों से बरामद किया गया।

ऐसे होता है तस्करी का खेल

मध्‍य प्रदेश और उसके बाहर आरोपितों से पूछताछ में तस्करी के इस तरीके का राजफाश हुआ है। आरोपितों से पूछताछ के आधार पर सूत्रों ने बताया कि मुख्य रूप से खाड़ी देशों से देश में सोने को चोरी-छिपे लाया जाता है। इसमें ऐसी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को चुना जाता है, जो देश के अन्य शहरों तक भी जाती हैं। यह सोना बिस्किट के रूप में होता है इसलिए पांच से सात किलो होने पर भी छोटे से पैकेट में आ जाता है।

विमान तक पहुंचाया जाता है सोना

विदेश में किसी तरह सोना विमान तक पहुंचाया जाता है। सोने को भारत में लाने वाला व्यक्ति विमान में ही उसे छुपा देता है। देश में आने के बाद वह व्यक्ति सोने को विमान में ही छोड़कर उतर जाता है। विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच की जाती है लेकिन इस यात्री के पास कुछ भी संदिग्ध नहीं मिलता। इसी एयरपोर्ट से तस्करों का दूसरा साथी घरेलू उड़ान के तहत अन्य शहर का टिकट लेकर यात्रा करता है।

ऐसे बच जाते हैं तस्‍कर

तस्‍कर के दूसरे साथी को सोने के बारे में जानकारी होती है इसलिए दूसरे शहर तक पहुंचने से पहले वह निकाल लेता है। घरेलू उड़ानों से उतरने के बाद यात्रियों की जांच की व्यवस्था नहीं होने से सोना एयरपोर्ट से बाहर आ जाता है। सूत्रों का कहना है कि देश में सोना आने के बाद घरेलू मांग के अनुसार उसे संबंधितों तक पहुंचाया जाता है।

उड़ान डायवर्ट होने पर बिगड़ जाता है खेल

घरेलू तस्करी में सोने के बिस्किट की बुकिंग अग्रिम होती है। विदेश से आने वाले सोने में तस्करों के लिए बड़ा खतरा किसी कारणवश उड़ान के डायवर्ट होने पर रहता है यानी कोई उड़ान दुबई से मुंबई आकर कोलकाता जाने वाली हो लेकिन मौसम खराब होने जैसी परिस्थिति के चलते उसे भोपाल डायवर्ट कर दिया जाता है तो इससे तस्करों का जमा जमाया खेल बिगड़ जाता है। 


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