लॉकडाउन खुलते ही बढ़ने लगी सोने की तस्करी, एक किलो के 'बिस्कुट' पर 7 लाख की कमाई
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कोरोना की वजह से चालू वित्त वर्ष में सोने की तस्करी पिछले वित्त वर्ष से कम रहेगी। काउंसिल का अनुमान है यह तस्करी 25 टन तक रह सकती है जबकि पिछले साल 120 टन की तस्करी हुई थी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दो दिन पहले डीआरआइ ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से 4.9 किलोग्राम सोने के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया। ये दोनों अभियुक्त म्यंमार से आने वाले सोने को मणिपुर को रास्ते सिलीगुड़ी तक ले आए थे। 20 सितंबर को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर 1180 ग्राम सोने के साथ दो लोग पकड़े गए। 18 सितंबर को 5 किलोग्राम सोने के साथ जोधपुर में गिरफ्तारी हुई। 16-17 सितंबर को लखनऊ एयरपोर्ट पर रियाद से लाए गए 3 किलोग्राम सोने पकड़े गए। लॉकडाउन के खुलते ही सोने की तस्करी तेज हो गई है। रोजाना स्तर पर तस्करी के सोने पकड़े जाने के बारे में डीआरआइ के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से हवाई यात्रा पर पूरी तरह से पाबंदी थी। अब हवाई यात्रा में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। इसलिए यह तेजी दिख रही है।
अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बांग्लादेश, म्यंमार, नेपाल व पाकिस्तान के रास्ते सोने की तस्करी हो रही थी। जेम्स व ज्वैलरी निर्यातक पंकज पारीख ने बताया कि जिस किसी देश में सोना ड्यूटी फ्री है, वहां से सोने की तस्करी हो रही है। इनमें मुख्य रूप से दुबई, हांगकांग व सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। वैश्विक कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले कुछ महीनों के दौरान निवेश के लिए सोना पहली पसंद बन गया है। सोने की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई और इसकी कीमत 51,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई। दुबई के मुकाबले यह कीमत लगभग 6500-7000 रुपए ज्यादा है। ऐसे में बिस्कुट के आकार वाले एक किलोग्राम सोने को भारत में ले आने पर लगभग 7 लाख रुपए की बचत हो जाती है।
हालांकि, बुलियन विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 12.5 फीसद आयात शुल्क से सोने की तस्करी बढ़ रही है। उनका कहना है कि सोने पर जबतक 5 फीसद तक आयात शुल्क था, सोने की तस्करी समाप्त हो गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, तस्करी के रास्ते आने वाले सोने पर 12.5 फीसद शुल्क बचा और सोने की बिक्री लगने पर वाले 3 फीसद जीएसटी भी नहीं लगेगा। इस प्रकार आयातित सोने के मुकाबले तस्करी वाला सोना 15.5 फीसद सस्ता हो जाता है।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर कोरोना की वजह से चालू वित्त वर्ष में सोने की तस्करी पिछले वित्त वर्ष से कम रहेगी। काउंसिल का अनुमान है यह तस्करी 25 टन तक रह सकती है, जबकि पिछले साल 120 टन की तस्करी हुई थी। डीआरआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले पश्चिम बंगाल में पिछले वित्त वर्ष में 115 करोड़ के 300 किलोग्राम तस्करी के सोने जब्त किए गए। सोने के कारोबारियों ने बताया कि निवेश की पहली पसंद होने की वजह से पिछले दो महीने से कीमत में बढ़ोतरी के बावजूद सोने की खरीदारी बढ़ गई है। लोग सोने के जेवर की जगह बिस्कुट या बार खरीदना पसंद कर रहे हैं।
बता दें कि इस साल अप्रैल से जून तक सोने के आयात में गिरावट रही, लेकिन जुलाई से सोने के आयात में बढ़ोतरी होने लगी। जुलाई में 4.17 फीसद की मामूली बढ़ोतरी हुई। परंतु अगस्त में सोने के आयात में पिछले साल अगस्त के मुकाबले 171 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, 2019 में भारत में 690 टन सोने की मांग रही। हालांकि, इस साल भारत में सोने की खपत 350-450 टन रहने का अनुमान है।