किसान के साथ ही 'गोदरेज' भी बुलेट ट्रेन के विरोध में, हाईकोर्ट में दायर की याचिका
किसानों के विरोध के बाद अब गोदरेज समूह भी बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर एक के बाद संकट के बादल छाने लगे हैं। अब गोदरेज समूह ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गोदरेज ने इस परियोजना के लिए उपनगर विक्रोली में अपनी जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी है। बता दें कि सरकार की मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है।
गोदरेज समूह ने याचिका में परियोजना के अधिकारियों से इसके रूट में बदलाव की मांग की है, ताकि गोदरेज समूह की करीब 8.6 एकड़ जमीन बुलेट ट्रेन के रास्ते से बाहर हो सके। मुंबई से अहमदाबाद के बीच करीब 508.17 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाए जाने की योजना है। जिसमें से करीब 21 किलोमीटर का ट्रैक अंडरग्राउंड यानि जमीन के नीचे रहेगा। इसी अंडरग्राउंड रास्ते का एक मुहाना (एंट्री प्वाइंट) गोदरेज की विक्रोली वाली जमीन में पड़ रहा है। इसीलिए कंपनी ने इस अधिग्रहण को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पिछले महीने दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के 31 जुलाई को सुनवाई करने का अनुमान है।
किसान भी कर रहे हैं विरोध
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का गुजरात और महाराष्ट्र के किसान भी विरोध कर रहे हैं। गुजरात के चार किसानों ने राज्य की हाईकोर्ट में जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी है।
बता दें कि पिछले साल जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मिलकर पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास किया था। करीब 350 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से भारत में चलने वाली ये पहली बुलेट ट्रेन होगी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच यह 12 स्टेशन पर रुकेगी।