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CM Pramod Sawant: गोवा के मुख्यमंत्री ने ठुकराया AAP का ‘दिल्ली मॉडल’, बोले- अपनी सलाह अपने पास रखो

गोवा में स्कूलों के विलयन पर आम आदमी पार्टी ने स्कूलों को गाेद लेने की बात कही थी। इस पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आप को करारा जवाब दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्कूल चलाने में पूरी तरह सक्षम है।

By Shivam YadavEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 12:34 PM (IST)
CM Pramod Sawant: गोवा के मुख्यमंत्री ने ठुकराया AAP का ‘दिल्ली मॉडल’, बोले- अपनी सलाह अपने पास रखो
सावंत ने कहा कि गोवा सरकार विद्यालयों को चलाने में पूरी तरह सक्षम है।

पणजी, एजेंसी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant)  ने आम आदमी पार्टी  (AAP) के ‘दिल्ली मॉडल’ को ठुकरा दिया और कहा कि उन्हें सरकारी विद्यालयों को चलाने के लिए किसी राजनीतिक पार्टी की सलाह की जरूरत नहीं है। सावंत ने बृहस्पतिवार को हंसते हुए कहा कि हमें सलाह देने के बजाए उन्हें अपने राज्यों के विद्यालयों की परिस्थितियों जांचनी चाहिए।

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दरअसल, आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई ने प्रस्ताव रखा था कि कम विद्यार्थियों की संख्या वाले सरकारी विद्यालयों का दूसरे विद्यालयों में विलय करने के बजाए उन्हें (AAP) को गोद दे दिए जाएं। आप का कहना था कि वे गोवा के इन विद्यालयों में दिल्ली मॉडल लागू कर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाएंगे और अच्छे परिणाम लाएंगे।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, आम आदमी पार्टी के इस प्रस्ताव पर सावंत ने कहा कि गोवा सरकार विद्यालयों को चलाने में पूरी तरह सक्षम है। पिछले 60 सालों में सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों का संचालन किया है। 2012 से 2022 तक भाजपा सरकार ने स्कूलों के आधारभूत संरचना में काफी सुधार किया है। हमें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।

नई शिक्षा नीति और गुणवत्ता पर हो रहा विचार

मुख्यमंत्री सावंत ने कहा, ‘किसी राजनीतिक दल को विद्यालय चलाने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी तरह सक्षम है और हम छात्रों की की शिक्षा को लेकर चिंताशील हैं। हमें निर्माण की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम छात्राें को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए चिंतित हैं। इसलिए हमने विलयन का निर्णय लिया है।’

उन्होंने कहा, ‘नई शिक्षा नीति, शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा का स्तर, इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए हमने एक सर्वेक्षण शुरू किया है, हम स्कूलों को बंद नहीं कर रहे हैं। हम इनका विलय करना चाहते हैं और शिक्षकों के साथ अच्छी आधारभूत संरचना देना चाहते हैं। हमें किसी से मार्गदर्शन और उनकी सलाह नहीं चाहिए।’

‘केवल सुर्खियां बटोरना महानता नहीं है।’

अपनी बात बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राजनीतिक दलों को यह नहीं दिखाना चाहिए कि वे कुछ बड़ा करना चाहते हैं, उन्हें अपने राज्य में जाकर अपने विद्यालयों की स्थिति देखनी चाहिए। वे केवल ज्ञापन देकर दिल्ली में सुर्खियां बटोरने के लिए यह प्रचार कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि विद्यालयों का विलयन अभी शुरुआती चरण में है। शिक्षामंत्री के नाते उन्हें इस बात की चिंता है और इसलिए अभिभावकों, शिक्षकों को अपने विश्वास में लेंगे। बस उनके मन में कोई भ्रम न पैदा करे।


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