टीम अन्ना को अब होगा जिम्मेदारी का अहसास
टीम अन्ना के सियासी मंसूबे स्पष्ट होने के बाद सत्ताधारी दल काग्रेस बेहद खुश है। सरकार की तरफ से पहल न किए जाने के बावजूद टीम अन्ना का न सिर्फ अनशन खत्म हो रहा है, बल्कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर मैदान में आने से काग्रेस ने उनकी चुटकी ली है।
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। टीम अन्ना के सियासी मंसूबे स्पष्ट होने के बाद सत्ताधारी दल काग्रेस बेहद खुश है। सरकार की तरफ से पहल न किए जाने के बावजूद टीम अन्ना का न सिर्फ अनशन खत्म हो रहा है, बल्कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर मैदान में आने से काग्रेस ने उनकी चुटकी ली है। अनशन खत्म करने के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने बृहस्पतिवार को कहा, जनता का राजनीतिक विकल्प बनने से उन्हें राजनीति की जिम्मेदारियों एवं मजबूरियों का अहसास होगा।
काग्रेस हमेशा यह आरोप लगाती रही है कि टीम अन्ना के लोगों का राजनीतिक एजेंडा है। अब यह साबित हो गया है तो सोनी ने कहा, अन्ना संग जुड़े लोग हमेशा राजनीति से प्रेरित होते रहे। उन्होंने संसद सदस्यों के बारे में टिप्पणी तथा उनकी आलोचना की। काग्रेस हमेशा से कहती रही है कि टीम अन्ना का उद्देश्य राजनीति है। यह अच्छी बात है कि वह अपने इरादों के साथ खुलकर सामने आए।
सोनी ने कहा, मुझे टेलीविजन के जरिये जानकारी मिली कि वे राजनीतिक विकल्प के लिए लोगों से सुझाव माग रहे हैं। अच्छा है कि वह उसी तंत्र का हिस्सा बने, जिसे वह हमेशा गालिया देते रहे हैं। इससे उन्हें अहसास होगा कि राजनीति में क्या जिम्मेदारिया और बाध्यताएं होती हैं। खासकर ईमानदारी से काम करना आसान नहीं होता। जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के आदोलन के उद्देश्यों पर सवाल उठाते हुए कहा, इस बारे में केवल टीम अन्ना ही बता सकती है। मैं खुश हूं कि उन्होंने अनशन समाप्त करने पर सहमति जताई। वे अपनी बात मनवाने के लिए सरकार से जबरदस्ती नहीं कर सकते। सरकार की कुछ जवाबदेही है। प्रभावी लोकपाल की माग पर सोनी ने कहा, सरकार ने पहले ही इसे लोकसभा से पारित करवा लिया है। अब यह राज्यसभा की चयन समिति के पास है। विधेयक अब सरकार के पास है। यह संसद की संपत्ति है।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने टीम अन्ना के अनशन खत्म करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, वे भी लोकतात्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के पात्र हैं। उन्हें मेरी शुभकामनाएं। वामपंथी नेता सीताराम येचुरी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने टीम अन्ना के राजनीति में आने के फैसले का स्वागत किया है।
बदलाव का सिर्फ यही रास्ता बचा
प्रशात भूषण
टीम अन्ना के अहम सदस्य प्रशात भूषण ने राजनीतिक विकल्प के फैसले का बचाव किया है। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रशात भूषण ने कहा, जब सरकार सत्ता मद में चूर हो और किसी की बात सुन ही न रही हो तो बदलाव के लिए सिर्फ यही एक रास्ता बचता है। भ्रष्ट राजनीतिक माहौल से निकलने के लिए हमें नए राजनीतिक विकल्प की आवश्यकता है।
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