Move to Jagran APP

Good News: गंदी नजरों से महफूज मासूम बेटियां मुस्‍कुरा रहीं यहां...

बेटियों का एक घर-संस्कार के साथ जीवन में आत्मनिर्भरता की यहां मिल रही सीख।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 02:42 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 03:26 PM (IST)
Good News: गंदी नजरों से महफूज मासूम बेटियां मुस्‍कुरा रहीं यहां...
Good News: गंदी नजरों से महफूज मासूम बेटियां मुस्‍कुरा रहीं यहां...

रायपुर (जेएनएन)। पहले मां-बाप दहेज को लेकर बेटियों के जन्‍म से खुश नहीं होते थे पर आज मां-बाप के मन में बेटियों को लेकर इस बात का भय है कि न जाने इन मासूमों को कब राक्षसी नजर काट खाए। बालिका गृह के नाम से चलाए जाने वाले आश्रय घरों में न जाने हर रात कितनी बेटियों की चीत्‍कार गूंजती होंगी। शुक्र है कि छत्‍तीसगढ़ में एक ऐसी जगह है जो नाम के लिए बच्‍चियों को आश्रय नहीं देती, बल्‍कि मुजफ्फरपुर के ब्रजेश ठाकुर जैसी गंदी नजरों से पूरी तरह महफूज भी रखती है। यहां बच्‍चियां खुलकर हंसने के साथ खुलकर जीने को स्‍वतंत्र हैं। मासूमों से दरिंदगी की लगातार मिल रही खबरों के बीच यह खबर किसी ठंडी हवा के झौंके से कम नहीं है। यह खबर सुखद एहसास देती है और बेटियों में सुरक्षा का भाव भी लाती है।

loksabha election banner

हर कोने में शिकार हो रहीं मासूम
एक ओर जहां देश-दुनिया में बालिकाओं के हुनर की खूब चर्चा हो रही है, वहीं उनके साथ हो रहे जघन्य अपराध भी छिप नहीं रहे हैं। कई मामले ऐसे हैं, जिनमें यदि थोड़ी सावधानी बरती जाती तो महिलाओं और बालिकाओं पर हुए अपराधों को रोका जा सकता था। इन्हीं बातों को ध्यान में रख दैनिक जागरण की टीम दिव्यांग छात्राओं की सुरक्षा की तस्दीक कर रही है।

बेआवाज बेटियों के आत्‍मविश्‍वास की आवाज है बुलंद
शुक्रवार को जब बालिकाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ‘कोपलवाणी’ संस्था की व्यवस्था का जायजा लिया गया तो वहां छात्राओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान दिया गया था। बालिकाएं स्वयं कहती हैं कि भगवान ने तो हमारा स्वर छीना, लेकिन हम कोपलवाणी में शिक्षा लेकर अपने आत्मविश्वास की आवाज बुलंद कर रही हैं। हम सब यहां सुरक्षित हैं, क्योंकि यहां हमारी सुरक्षा में 24 घंटे दो पालियों में महिला सुरक्षाकर्मी तैनात रहती हैं। 12 सीसीटीवी कैमरे से पूरे परिसर की देखरेख की जाती है, ताकि किसी भी आपराधिक गतिविधि पर रोक लगाई जा सके। भोजन से लेकर लाइब्रेरी तक की व्यवस्था परिसर के अंदर है, ताकि छात्राओं को बाहर जाने की जरूरत ही न पड़े।

इस तरह महफूज हैं मूक-बधिर बेटियां
संस्था में दिव्यांग मूकबधिर बालिकाओं के लिए छात्रावास परिसर के ठीक सामने विद्यालय परिसर बनाया गया है, ताकि छात्राओं को आने-जाने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अध्यापन के लिए शिक्षिकाएं और शिक्षक उपलब्ध है। 53 छात्राएं इस परिसर में छात्रावास, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब, प्यूरीफायर वाटर कूलर आदि सभी सुविधाएं पा रही हैं।

सुरक्षा व्यवस्था
- 12 सीसीटीवी से पूरे परिसर की निगरानी
- दो पालियों में महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती
- छात्रावास के लिए सुबह-शाम दो वार्डन की व्यवस्था 

भोजन व्यवस्था
- नाश्ता- सुबह 07 बजे से
- भोजन - 10 से 11 बजे तक
- शाम का नाश्ता - 04 से 05 बजे तक
- रात्रि भोजन- शाम - 7 से 8 बजे तक 

शिक्षकों की व्यवस्था
- परिसर में चौबीस घंटे साइन लैंग्वेज की शिक्षिका का निवास
- सात विशेष शिक्षक- दो पुरुष और पांच महिलाएं
- छ: सामान्य शिक्षक - पूरी महिलाएं 

14 सालों से छात्राएं ले रहीं शिक्षा
रायपुर स्‍थित मूकबधिर संस्‍था ‘कोपलवाणी’ की अधीक्षक विजय लक्ष्‍मी तिवारी ने बताया, ‘मूक-बधिर दिव्यांग छात्राओं को शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उन्हें कभी ये अहसास न हो कि उन्हें सृष्टि ने कमजोर बनाया है। वे समाज का अभिन्न् हिस्सा है, उन्हें किसी भी तरह अन्य लोग कमजोर न समझें, इसलिए पूरी तैयारी के साथ शिक्षा दी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.